Loading...

नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में 'यादें रफी' कार्यक्रम को कैदियों ने खूब सराहा


नागपुर। मंदा बहुउद्देशीय समाज विकास संस्था द्वारा नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में आयोजित यादें रफी कार्यक्रम को कैदियों ने खूब सराहा। महान पार्श्वगायक मोहम्मद रफी साहब की 43 वीं पुण्यतिथि पर मंदा ताई वैरागडे ने कार्यक्रम का आयोजन किया। 

जिसमें युवराज चौधरी, वैशाली मदारे, काकोली मलिक, मिठू चक्रवर्ती, सुरेश रंगारी और चार बंदीवानों ने मिलकर कार्यक्रम में समा बांध दिया। सबसे पहले जेल अधीक्षक श्री. वैभव आगे सर और अतिथियों ने मिलकर रफी साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। 

इस अवसर पर प्रमुखता के साथ वृंदा ठाकरे, उषा ताई, साळवे गुरुजी, काळे गुरुजी, पानसरे सर आदि मान्यवर उपस्थित थे। 'जाने वाले कभी नहीं आते' गीत युवराज चौधरी और वैशाली मदारे ने 'दिल एक मंदिर है' से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 
तत्पश्चात, काकोली मलिक ने 'एहसान तेरा होगा मुझ पर', मिठू चक्रवर्ती ने 'हुई शाम उनका ख्याल आ गया', वैशाली मदारे ने 'तेरी आंखों के सिवा', सुनील  रंगारी ने 'तू इस तरह से मेरी', राज चौधरी और वैशाली ने युगल गीत 'सिमटी हुई यह घड़ियां' तथा चार कैदियों ने भी शानदार गीत प्रस्तुत किए।

कलाकारों को कीबोर्ड पर दीपक रामटेके, ऑक्टोपैड विकास पर विकास बारापात्रे, तबला पर शैलेश देवघरे ने सुंदर साथ दिया। ध्वनि प्रक्षेपण उत्तम चिल्हाटे का रहा। अंत में जेल अधीक्षक श्री वैभव आगे सर ने अपने विचारों से सभी को प्रभावित किया। कार्यक्रम की संकल्पना मंदाताई वैरागडे और राज चौधरी की रही।
समाचार 4378391372864120397
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list