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सदाबहार गीतों से श्रोता हुए मंत्रमुग्ध



नागपुर। कार्यक्रम 'क्लासिक बर्मन' में एस. डी. बर्मन और आर. डी. बर्मन के एक के बाद एक मधुर गीत सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। इन सदाबहार गानों को सिंगर्स ने बखूबी पेश किया और श्रोताओ का दिल जीत लिया.हिंदी गानों का कार्यक्रम स्वर्गीय सचिन सराफ मेमोरियल ट्रस्ट, हार्मनी इवेंट्स और बिट 31 के सहयोग से आयोजित किया गया था। रेशिमबाग के सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में गायकों ने सभी गानों को अपनी मधुर आवाज में खूबसूरती से प्रस्तुत किया।

गायिका मनीषा निश्चल ने 'रात का समा', 'रात अकेली है' गाने पेश किए। अनिल वाजपेई ने गाने 'दिन ढल जाए', 'ऐसे तो ना देखो पर प्रस्तुति दी, स्वास्तिका ठाकुर के 'मेघा छाए', 'आज कल पाव', साथ ही युगल गीत दिल का भंवर, तेरे मेरे सपने, अच्छाजी मै हारी गुनगुना रहे हैं, पिया बावरी, तू कहां ये बता, तुमने मुझे देखा, गुलाबी आंखें, होठों पे ऐसी बात, ओ हसीना ऐसे बेहतरीन गीत गाए।   

कार्यक्रम की परिकल्पना हार्मनी इवेंट्स के निदेशक राजेश समर्थ द्वारा की गई, जबकि  कार्यक्रम सफल बनाने में  अनघा सराफ (आदित्य अनघा) सोनाली हिवरकर (स्मार्ट) ओर  सोनल ठवरे (law adviser) इनका बहुमूल्य सहकार्य मिला. डॉ. मनोज सालपेकर की बेहतरीन प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया. संगीत संयोजन महेंद्र ढोले का था।
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