'लहरें नेह की' अत्यंत मर्मस्पर्शी कविताओं का एक अद्भुत संग्रह है : कमलेश बाजपेयी
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नेहा का बहु प्रतीक्षित काव्य-संग्रह 'लहरें नेह की' हाथों में है, नयी पुस्तक की प्राप्ति अपने आप में एक बहुत सुखद अनुभूति है..! बहुत शान्त, अन्तर्मुखी और संकोची, नेहा की साहित्यिक यात्रा का प्रारम्भ, पांच वर्ष की छोटी सी अवस्था में ही हो गया,जब उन्होंने अपनी डायरी पर, अपना नाम लिखा..!
विवाह के उपरान्त, उनके पति देव ने भी, उनके रूझान को समझ कर, निरन्तर उनकी साहित्यिक यात्रा में सहायता की।
'लहरें नेह की', अत्यंत मर्मस्पर्शी कविताओं का, एक अद्भुत संग्रह है. कहीं से, कोई भी रचना, हम पढ़ सकते हैं, वे हमारे अन्तर - मन को, बहुत गहराई से स्पर्श करती हैं.. उनमें विविधता है.. एक उद्धरण : 'किताब लिखना'.. कुछ बातें छोड़ना, कुछ चित्रों की औकात लिखना.. एक बचपन की याद लिखना.. एक मां बाप का साथ लिखना., कुछ बीते लम्हों के पन्ने.. कुछ जले जज़्बात लिखना.,
कुछ देश का अतीत, देश का भविष्य साथ लिखना, थोड़े पन्ने यदि बचे, तो दिल की अपनी बात लिखना.. एक एक रचना, अपने आप में पठनीय है..! नेहा को पुस्तक के प्रकाशन की बहुत बधाई और अनन्त शुभकामनाएं..!
नेहा से 'साहित्य अर्पण' के माध्यम से परिचय लगभग चार वर्षों से है. वे हिन्दी लेखन के प्रोत्साहन और प्रसार के लिए सतत प्रयत्नशील हैं. उन्होंने नये लेखकों को जोड़ने, उनके लेखन को निखारने में सराहनीय कार्य किया है।
उन्होंने 'साहित्य अर्पण' को अन्तरराष्ट्रीय मंच पर प्रमुखता से स्थापित कर दिया है. और बहुत से, प्रसिद्ध लेखक - लेखिकाएं अन्य देशों से निरन्तर, विभिन्न लोकप्रिय आयोजनों से सम्बंध हैं.
नेहा जी सभी सदस्यों को लेखन में सहायता के लिए, हमेशा सम्पर्क में रहती हैं और हर पग पर प्रोत्साहित करती रहती हैं। पुस्तक मंगाकर अवश्य पढ़ें। पुस्तक शोपिज़ेन, अमेजन, फ्लिपकार्ट पर मौजूद है।