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उभरते सितारे में 'जल का महत्व'

नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित सदाबहार लोकप्रिय पर उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'जल का महत्व' विषय पर शानदार ज्ञान विज्ञान के साथ संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अतिथि के रूप में ईवा के उपाध्यक्ष डॉ. ओ. एन. मुखर्जी जी उपस्थित थे। इनका सत्कार संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। जिसमें सहसंयोजिका वैशाली मदारे और कृष्णा कपूर ने सहयोग किया।

शुरुआत में कार्यक्रम की प्रस्तावना सह संयोजिका वैशाली मदारे ने रखी। जिसमें उन्होंने, 'जल का महत्व' विषय पर बच्चों को विस्तृत रूप से समझाया। और बताया कि हर बच्चे ने नीम और पीपल जैसे वृक्षों को लगाना ही चाहिए। तथा , पीने के पानी को व्यर्थ ना करते हुए संभल कर उसका उपयोग करें। तत्पश्चात, सभी बच्चों ने भी जल का  महत्व बताते हुए, एक से बढ़कर एक अपनी प्रस्तुति से मन मोह लिया। जिसमें पुलस्त्य तरारे, ओजस्वी नसकर, काव्या दयानी, त्रिशिका वाघमारे, शिवन्या कांबळे आदि ने सुंदर गीत सुनाए। पर्व डांस एकेडमी से वैष्णवी करंडे, गुंजन भंडारकर, आरोही करंडे, साइली कुंभलवार, अर्चिशा शर्मा, श्रद्धा हटवार, अक्षरा प्रमोद हलुंडे, लावण्या घूमे, हिरण्या चरडे, आदिति गायकवाड, अनिका अनासाने , सानवी करंडे, यशस्वी गोवारदिपे आदि ने बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति दी।

नवोदित कलाकारों की प्रस्तुतियों को  लीला पवार, पूनम पाडिया, योगीता तरारे, सीमा लूहा, प्रीति पाटिल, संदीप मलिक, स्वर्णा प्रकाश गोवारदिपे, संगीता चांडक, टीना शर्मा आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में कृष्णा कपूर और प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा उपस्थित सभी दर्शक, अभिभावक, कलाकारों और सुधिजनों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।
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