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प्रतिष्ठान ने सुनी लता की व्यथा और बढाया मदत के हाथ



नागपुर। वह एक ग्रहणी है। उम्र मात्र 32 वर्ष और जिम्मेदारी सारे परिवार की। दो छोटे छोटे बच्चे। पति परिवार के जीवनयापन के लिए चलाता था ई रिक्शा। कम खर्च में जैसे तैसे परिवार की गाड़ी खींच रहा था कि अचानक एक दिन ज्यादा तकलीफ हुई. तब जांच में पता चला कि उसको तो लाइलाज बीमारी कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया है. तब पति पत्नी दोनों के छक्के छूट गए। क्योंकि घर में पति के अलावा कमाने वाला कोई नहीं था। धीरे धीरे पति का शरीर जवाब देने लगा। अब वह ई रिक्शा चलाने लायक भी नहीं रहा। घर में भुखमरी अपने पैर पसार रही थी। चिंता चरम पर थी। 

इतना सब कुछ होते हुए भी पत्नी ने हार नहीं मानी और पति की मदद से ई रिक्शा चलाना सीख लिया, चल पड़ी परिवार की जिम्मेदारी का रथ खींचने नागपुर की सड़कों पर। घर का किराया, बच्चों की पढ़ाई का खर्च, पति की दवा और अस्पताल का खर्च उठाना दूभर होता जा रहा था। पारिवारिक संकटों से घिरी महिला ने निर्णय  लिया की चाहे जो हो वह उल्टे घूम रहे इस कालचक्र के पहिए हर हाल में रोककर ही दम लेगी। 

उसके प्रबल आत्मविश्वास और मेहनत के कारण वह ई रिक्शा से थोड़ा बहुत कमाने भी लग गई। दो जून की रोटी और दवा का खर्च जैसे तैसे पूर्ण होने लगा। लेकिन कैंसर था कि , जो पैसा आता सारा का सारा निगल जाता। महिला शाम के खाली समय में आसपास के घरों में बर्तन, कपड़े धोने का काम भी करने लग गई। बावजूद इससे खर्च पूरा नहीं होता। 

महिला की यह 'कथा और व्यथा' ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान तक पहुंची। तब प्रतिष्ठान की ओर से उस महिला के लिये बढाया गया सहयोग का हाथ। 
यह मार्मिक कहानी है दिघोरी क्षेत्र में रहने वाली महिला लता गुप्ता की। लता की इस करूण कहानी की सारी जानकारी निकालकर प्रतिष्ठान तक पहुंचाने का काम समन्वय समिति की सदस्य मीना झंझोटे ने किया।

ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान समन्वय समिती की बैठक में सचिव डॉ. राजू मिश्रा की उपस्थिती में लता गुप्ता को गेंहू, चावल, दाल, तेल, शक्कर, पोहा आदी अन्नधान्य तथा अन्य खाद्य सामुग्री प्रदान की गई और समय समय पर प्रतिष्ठान की ओर से यथाशक्ति सहयोग देने का विश्वास दिलाया। 

लता ई रिक्शा तो चला रही है लेकिन उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस, बैच आदि आर.टी.ओ. के आवश्यक पेपर्स नहीं है। हर समय पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर बना रहता है। यह बात जब उसने प्रतिष्ठान की बैठक में साझा की तो डॉ. मिश्रा ने इस कार्य में भी पूर्ण मदद करने का जिम्मा ले लिया। प्रतिष्ठान की ओर से आवश्यक फिस भर कर तथा आर.टी.ओ. की कागजी कारवाई पुरी कर के उनका लायसेंस बना दिया जायेगा, यह बता कर लता को आश्वस्त किया गया।

संकट की इस घड़ी में प्रतिष्ठान से मिले इस कल्पनीय सहयोग से अभिभूत हुई लता गुप्ता ने प्रतिष्ठान के अध्यक्ष नितीन गडकरी तथा कार्याध्यक्ष दता मेघे समेत सभी का आभार माना और दुआएं दी।
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