Loading...

तुलसी बिना शालिग्राम अधूरे : राधेनंद भारती


नागपुर। थाडेश्वरी मंदिर में 1008 महामंडलेश्वर माधवदास जी महराज द्वारा अयोजित पंचम दिवस की शिवपुराण कथा में साध्वी राधेनंद भारती माताजी ने शंखचूड़ की उत्पत्ति एवं तुलसी के साथ उसका विवाह संपन्न होने की कथा सुनाई। भगवान शिव ने विष्णुजी द्वारा तुलसी का सतीत्व भंग होने पर शंखचूड़ का वध किया। वृंदा के प्रेम में भगवान ने शालीग्राम रुप धारण किया। 

भगवान श्री शिव ने हिरण्याक्ष को पुत्र रूप में अंधकासूर को सौपा। हिरण्याक्ष ने पृथ्वी का हरण किया तब श्री हरी ने वराह अवतार धारण करके उसका वध किया। शिवजी ने अंधकासुर का उद्धार किया । कथा के सफलतार्थ समस्त पौनीकर परिवार प्रयासरत है। कथा का समय 3 से 6 तक है।
समाचार 1087567325614115158
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list