डॉन की लाल डायरी..
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बरसों पहले एक फिल्म देखी थी, 'डॉन'। उसका एक डॉयलाग बहुत प्रसिद्ध हुआ था 'डॉन का इंतज़ार तो ग्यारह मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन सोनिया, एक बात समझ लो, डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है'।
इसी फिल्म में एक सुपर हिट गीत भी है,
अमिताभ और झीनत की जोड़ी ने इस गीत से तहलका मचा दिया था, हर साल होली में इस गीत के बिना होली मानों अधुरी रह जाती है। गीत है 'खईके पान बना रसवाला, खुल जाए बंद अकल का ताला'।
इस गीत ने कईयों के अकल का ताला भी खोल दिया, खासकर राजनीतिविदों के अकल का ताला।
इस फिल्म में एक मजेदार बात और है, वो है 'लाल डायरी'।
जी हां, राजनीतिकारों को फिल्म इंडस्ट्री की एक बहुत महत्वपूर्ण भेंट है 'लाल डायरी'।
इस फिल्म में पोलिस अफसर लाल डायरी में सब महत्वपूर्ण बातें दर्ज करता रहता है और फिर उसकी मौत हो जाती है। बाद में यही लाल डायरी विलेन के हाथ लगती है।
फिर छिना झपटी के बीच फिल्म क्लाइमैक्स से गुजरती है।
आजकल इसी तरह की लाल डायरी फिर से चर्चा में है। असल में इसे लाल नहीं बल्कि काली डायरी कही जानी चाहिए। बात यह है कि हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने एक मंत्री को अ-पदस्थ कर दिया, यानी आम आदमी की भाषा में मंत्री पद से निकाल फेंका।
आज के दिनों में राजनीति में कोई भी नेता एक दूसरे पर भरोसा नहीं करता, चाहे वह नेता कोई भी दल का क्यों न हो।
समय आने पर यह राजनीति के खिलाड़ी प्रतिद्वंदी के चीर हरण करने में कोई कोताही नहीं बरतते।
यह मंत्री महोदय भी अपने मुख्यमंत्री पर एक पैसे का भरोसा नहीं करते थे। जब से मंत्री बने तब से डॉन फिल्म की तरह उन्होंने भी एक लाल डायरी बना ली, और हर दिन मुख्यमंत्री जी ने उनके नजरों में जो भी काला काम किया, जो भी रिश्वत ली, उसका लेखा जोखा लिखते गए।
वह लाल डायरी आज उनके काम आ रही है। पदच्युत मंत्री जी ने जाहीर कर दी, उनके पास एक लाल डायरी है जिसमें मुख्यमंत्री जी के सभी काले कारनामें अंकित हैं।
बस राजनीति में उथल पुथल मच गई।
मंत्रीगण, मुख्यमंत्री महोदय एवं सभी राजनिती के खिलाड़ीगण, सम्हल जाएं, जब भी लाल दिखे तो समझ जाएं कि खतरा है, खास कर लाल डायरी को दूर से ही खुदा हाफ़िज़ कह दें और जैसा डॉन के गीत में कहा गया है, 'बंद अकल का ताला खोल दें', आपका दाहिना हाथ क्या कर रहा है, बायें को इसका पता भी न चलने दें।
- डॉ शिवनारायण आचार्य
नागपुर (महाराष्ट्र)