संगीतालय म्यूजिक अकैडमी का लाइव कंसर्ट कार्यक्रम संपन्न
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नागपुर। संगीतालय म्यूजिक अकैडमी की ओर से लाइव कंसर्ट का शानदार कार्यक्रम विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन, मोर भवन के हॉल में किया गया। जिसमें संगीतालय म्यूजिक एकेडमी के सभी बच्चों ने भाग लिया। सबसे पहले गुरुवर्य समर सेन सर द्वारा सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम 3 चरणों में निर्धारित किया गया। जिसमें एकल गायन, वाद्य यंत्र वादन और युगल गीत के रूप में प्रस्तुतियां दी गई।
एकल गायन में वीर मनमानी ने 'मैं कोई ऐसा गीत गाऊं', ध्रुवी गजभिए ने 'पूछो ना यार क्या हुआ', साईं कृष्णा ने 'जीना जीना', आस्था तिवारी ने 'हैअपना दिल', रीता घोष ने 'तुम्हें देखती हो तो', रत्नेश सोमकुवर ने 'आंखों में तेरी', आरोही बघेल ने 'बिंदिया चमकेगी', मदन गणवीर ने 'चाहिए थोड़ा प्यार', प्रिया गजभिए ने 'जूबी डूबी', आशिमा बोस ने 'दैया दैया रे', युवराज चौधरी ने 'यूं तो हमने लाख हंसी देखे हैं' गाकर समां बांध दिया।
तत्पश्चात, माउथ ऑर्गन पर विनोद जांभुलकर ने 'आ चल के तुझे', कीबोर्ड पर आसमी चौधरी और भावेश कोडापा ने 'रातें लंबीयां,, गिटार पर अशोक धोपते और प्रणव दवारा न 'किसी की मुस्कुराहटों पे', तथा तेजस टुप्परवार ने 'चुरा लिया है तुमने' बहुत ही शानदार तरीके से बजाया।
तीसरे युगल गीतों के चरण में आरोही बघेल और समर सेन सर ने 'रिमझिम रिमझिम', आस्था तिवारी और साईं कृष्णा ने 'ये रातें ये मौसम', तेजस टूप्परवार और वीर मनमानी ने 'केसरिया', रीता घोष और युवराज चौधरी ने 'पन्ना की तमन्ना', प्रिया गजभिए और युवराज चौधरी ने 'भीगी भीगी रातों में', रत्नेश सोमकुवर और सीमा बोस ने 'जाने जा ढूंढता',
ध्रुवी गजभिए और समर सेन सर ने 'कह दूं तुम्हें या चुप रहूं', और अंत में सभी कलाकारों द्वारा 'चलते चलते मेरे यह गीत' से कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन युवराज चौधरी ने किया। तथा ध्वनि प्रक्षेपण विकी ने संभाला। कार्यक्रम का आभार संगीतालय म्यूजिक एकेडमी के गुरुवर्य समर सेन सर द्वारा दिया गया।