दादी ईश्वरीदेवी का नितिन गड़करी के हाथों नागरिक सत्कार
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नागपुर। विश्वविख्यात संत अमर शहीद कंवरराम साहिब सिंध के महान सिद्वपुरूष और भगत थे। संत कंवरराम साहिब ने अपना सारा जीवन प्रभु भक्ति, भजन कीर्तन तथा दीन दुखियों की सेवा करते हुए बिताया। सिंधी नृत्य शैली भगत जिसमें गीत, संगीत, नृत्य एवं नाटक का समावेश है अमर शहीद संत कंवरराम की ही देन है।
सिर पर पगड़ी बांधकर, तन पर जामा पहनकर और पैरों में छेर (घुंघरू) बांधकर संत कंवरराम गांव गांव जाकर भगत करते हुए प्रभू भक्ति के साथ साथ अध्यात्मिक, नैतिक और मानवीय आदर्शों तथा सांप्रदायिक सद्भाव का प्रचार करते थे। वे आजीवन निर्मोही रहे। दुखी मानव की सेवा मात्र ही उनके जीवन का ध्येय रहा। कलकता निवासी उन की छोटी सुपुत्री दादी ईश्वरीदेवी भी संत कंवरराम के बताए आदर्शो एवं मूल्यों को साकार करते हुए परोपकार के कार्याे में लीन हंै।
नागपुर के सिंधी समाज द्वारा सिंधू सभा, नागपुर एवं भगत कंवरराम सेवा मंडल, नागपुर के संयुक्त तत्वाधान में पिताश्री सभागृह, दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय, जरीपटका में शनिवार आयोजित सत्कार कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के हस्ते दादी ईश्वरीदेवी का भव्य सत्कार किया गया।
मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, संत कंवरराम की सुपुत्री दादी ईश्वरीदेवी, संत कंवरराम के पौत्र साईं जशनलाल, कंवरधाम अमरावती के गद्दीनशीन साईं राजेशलाल, एड. माधवदास ममतानी, वसणशाह दरबार के साईं केशवदास, साईं कमल जज्ञासी, स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र कुकरेजा, भगत कंवरराम सेवा मंडल के अध्यक्ष अशोक केवलरामाणी, कार्यक्रम संयोजक पी.टी.दारा, मुक्ति धाम के अध्यक्ष प्रो. पी. डी. केवलरामाणी, साईं कमल जज्ञासी, महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के सदस्य तुलसी सेतिया, डा. गुरमुख ममताणी, वरिष्ठ रंगकर्मी किशोर लालवाणी, एड. माधवदास ममतानी, वीना बजाज, डिंपी बजाज विराजमान थे।
वीरेंद्र कुकरेजा ने कहा कि भारत देश में संतो की परंपरा रही है। हमें संतो की शिक्षा का अनुसरण करना चाहिये। मैं महान संत कंवरराम जी के दर्शन तो नहीं कर सका लेकिन उनकी निशानी दादी ईश्वरीदेवी के रूप में हूबहू उनको देख रहा हूं। मुझे याद है गांधीबाग में संत कंवरराम जी की प्रतिमा लगाने के लिए सिंधी समाज के कितने प्रयत्न किये। मैं दादी का स्वागत भी कर रहा हूं और उनसे आशीर्वाद भी लेने आया हूं।
सत्कार कार्यक्रम से पहले नागपुर के कलाकारों मंजूश्री आसूदाणी और नीतू केवलरामाणी द्वारा अमर शहीद संत कंवरराम जी के गाए हुए भजनों का कार्यक्रम रखा गया है। महात्मा गांधी स्कूल के बच्चों ने संत कंवरराम की रहड़की साहिब में अपने गुरू साईं सतरामदास के प्रति त्याग की भावना की झलक प्रस्तुत की।
बाबा हरदासराम सेवा मंडल द्वारा संत कंवरराम जी की साईं सतरामदास से पहली मुलाकात की सजीव झांकी ‘‘कोसा कुहर खणी हलियो, भाग खुलिया साईं कंवरराम जा’’ गीत द्वारा प्रस्तुत की। सिंधुड़ी यूथ विंग द्वारा किशोर लालवाणी द्वारा लिखित एवं तुलसी सेतिया द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘सिंधुड़ीअ जो सरताज कंवर’ की गुरू साईं सतरामदास द्वारा शिष्य कंवरराम को बचपन, जवानी एवं अधेड़ उम्र के कंवरराम के साथ नृत्य की प्रस्तुति की। कार्यक्रम का सफल संचालन तुलसी सेतिया ने किया व आए हुए सभी लोगों का आभार प्रदर्शन राजेश बटवाणी ने माना।
कार्यक्रम के सफलतार्थ सिंधु युवा फोर्स के अध्यक्ष गुड्डू केवलरामाणी तथा उनकी टीम, परसराम चेलानी, महेश चेलाणी, जया चेलानी, परमानंद कुकरेजा, चंदू गोपानी अथक प्रयास किया।
कार्यक्रम में राजेश बटवाणी, अशोक कुकरेजा, गोपीचंद कुकरेजा, शामनदास तुलसवाणी, मोटाराम चेलवाणी, अमरावती से पधारे श्री सुदामचंद तलड़ा, लीलाराम कुकरेज तथा विजय बत्रा, पूना से चांदवाणी, उमेश गोगिया, रत्ना कुकरेजा, कमल मूलचंदाणी, गुरमुख मोटवाणी, गुरबक्श राधवाणी विशेष रूप से उपस्थित थे।