गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड म्युझिकल ग्रुप के ग्रेटेस्ट 90 ने किया मंत्रमुग्ध
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नागपुर। हिंदी चित्रपट सृष्टी में 1990 का दशक काळ सुवर्ण काल माना जाता है। इस दशक के अंतराल में फिल्माए गये लाखो फिल्मी गाने आज भी श्रोताओं को अलग दुनिया में ले कर जाते है। उस सुनहरे सपनों की यादें ताजा करते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड म्युझिकल ग्रुप के कलाकारों ने रविवार की श्याम नागपूकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कराया। मौका था ग्रुप की ओर दाभा स्थित सांस्कृतिक सभागृह में आयोजित ग्रेटेस्ट 90ज संगीत समारोह का
जानेमाने गायक मनिष पाटील की संकल्पना से साकार इस महफिल में तेरे बिना जिया जाए ना... गीतों की साज छेडते हुए प्रज्ञा भगतने सुरीला आगाज किया। उसके बाद रिमझिम गीरे सावन.. सुलग सुलग जाए मन एसा सूर छेडते हुए जसवंदा मेश्रामने महफिलमें सावन की बरखा बिखेरी। गितांजली सावदेकर ने मेरे नैना सावन भादो गीत के जरिए सावन के महिने मे जुदाई सहने वाले प्रेमिका का दर्दभरा अंजाद पेश किया।
भगवान लोणारे ने दिल जिगर नजर क्या है.. का गीत पेश करते महफिल में फीर नटखट अंदाजात बिखेरा। लिना गजभिये ने पहले प्यार का पहला गम.. पहली बार है आंखे नम.. गीत सादर करते हुए प्रेमिका का दर्द बयां किया। 90 के दशक को सही मायनें में उंचाई पर ले जाने का श्रेय मशहूर गायक किशोर कुमारजी को जाता है।
अपने जीवन में उन्होंने लाखो गितों के जरिए फिल्मी गानों को अजरामर किया है। हुबहू उन्ही के अंदाज में मनिष पाटील ने पेश किये रात बाकी.. बात बाकी.., अकेला गया था मैं.. ना आया अकेला.., कांची रे कांची रे.. प्रित मेरी सांची.. और मेरे सपनों की रानी कब आएगी... गीत सादर करते हुए स्वर्गिय किशोर कुमार को शब्द सुमनांजली अर्पण की।
साथ ही गेस्ट सिंगर संगीता गावंडे के साथ मनीष पाटील इन्होंने 'कांची रे कांची' गीत पेश किया। गितांजली सावदेकर के साथ सुरज शर्मा ने पेश कीए अकेले है चले आओ.. प्रज्ञा भगत के संग भगवान लोणारे ने पेश किए निशाणा तुला दिसला ना.. यह मराठी फिल्मी गानों को श्रोताओं ने खास सराहा। सुर सुरज शर्मा यांनी कल्पना बनसोड के साथ सादर किए तुम पास आए.. युं मुस्कुराए गाने ने महफील का समापन हुआ। सुरज शर्मा ने बहोत ही नजाकत के साथ रंगमंच संचालन करते हुए महफील को एक माला में पिरोया।