परिचर्चा : युवा वर्ग में नशाखोरी की लत उनको दलदल में धंसा रही है
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नागपुर। शहर की अग्रणी संस्था हिंदी महिला समिति ने समाज को झकझोर देनेवाले विषय पर परिचर्चा रखी जो दिन प्रतिदिन ही भयंकर चिंता का विषय बनता ही जा रहा है ,जिसपर अभी भी शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया तो भारत के हर घर का युवा चाहे वह लड़का हो या लड़की मौत के दरवाजे पे पड़ा नजर आएगा।
परिचर्चा में संस्था की साहित्यिक बहनें उपस्थित रही और सभी ने अपने अपने विचार रखे तथा इस पर लिखित में एक ज्ञापन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजने का निर्णय लिया गया जिसमे अध्यक्षा रति चौबे के साथ सभी महिलाओं ने प्रण लिया की इस नशामुक्ति के अभियान में उनका सहयोग भी रहेगा। कार्यक्रम का संचालन तथा संयोजन गीता शर्मा ने किया और निर्देशन अध्यक्षा रति चौबे का रहा और सभी बहनों ने सारगर्भित विचार रखे।
सर्वप्रथम पूनम मिश्रा ने युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर चिंता व्यक्त करते हुए , कहा की नशा हमारे युवाओं को बिगाड़ रहा है स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों को अपनी चपेट में ले रहा है ,कोमल मन का भटकाव भविष्य खराब कर रहा है , अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है युवाओं में ऐसे गंभीर विचार रखे।
तत्पश्चात नीता चौबे ने अपने विचारों में स्पष्ट किया की 130 करोड़ की आबादी में 10 करोड़ की आबादी लगभग इस नशे की लत की गिरफ्त में है जो की चिंतनीय है ,ये लत युवाओं का जीवन बर्बाद कर रही है ,इसके लिए समय रहते उचित कदम उठाना अत्यावश्यक है।
उसके बाद रचना चौबे ने अपने विचारों में नशे की बढ़ती लत की विभिन्न कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि व्यक्तिगत जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दाम्पत्य जीवन में तनाव, तलाक ,बेरोजगारी आदि के कारण युवा नशे की ओर अग्रसर हो रहे है इस जहर से युवा पीढ़ी को बचाना होगा नही तो देश का भविष्य खतरे में आ जायेगा।
इसके बाद सुषमा अग्रवाल ने अपने विचार रखे की कैसे युवाओं को इस नशे से बचाया जा सकता है बच्चों को स्वस्थ वातावरण तथा उचित संस्कार देकर इस नशे से होनेवाली गंभीर समस्याएं उत्पन्न होने से पहले ही रोक लगाई जा सकती है ,नशा मुक्ति केंद्रों तथा उचित वार्तालाप की मदद से युवा पीढ़ी को काल के गाल में समाने से बचाया जा सकता है।
फिर अध्यक्षा रति चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा की हमारा भारत देश इस नशे में घुल जायेगा यदि समय रहते इस पर लगाम ना लगाई गई तो ये देश को बर्बाद कर देगा, नशा दीमक बनकर युवाओं के स्वास्थ्य और देश के विकास को दिन ब दिन खोखला कर रहा है, युवाओं को अध्यात्म की ओर अग्रसर कर होगा ऐसे विचार प्रस्तुत किए।
उसके बाद गीता शर्मा ने बताया कि नशा करनेवाले व्यक्ति की आर्थिक, मानसिक और शारीरिक तीनों स्थितियां समान रूप से प्रभावित होती है , नशा करनेवाला समाज के साथ ही अपने घर परिवार में भी अपना मान सम्मान खो देता है ये नशे की लत अपराध कराने में भी सहायक हो जाती है।
तत्पश्चात मंजू पंत ने अपने विचार रखे की फुटपाथ से लेकर बड़ी बड़ी इमारतों, घरों में भी इस नशे के आदि बनते युवाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है जो की चिंता का विषय है , इसने महिलाएं भी पीछे नहीं है , केवल एनसीबी के कार्यवाही करने से नही बल्कि सबको व्यक्तिगत रूप से प्रयास करने होंगे इस नशे के प्रकोप की रोकथाम के लिए।
फिर आई मधुबाला श्रीवास्तव जिन्होंने अपने विचारों में इस गंभीर मुद्दे पर कहा की नशा करना युवाओं में फैशन बन गया है। 13 से 16 साल के बच्चो में बिगड़ने की संभावना अधिक होती है , माता पिता यदि समय रहते ध्यान दें अपने बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखकर रोकें, टोकें ,समझाएं तो इस समस्या को पनपने से रोका जा सकता है।
इसके बाद रेखा पांडे ने अपने विचार रखे की ये समस्या अत्यंत विकट है सभी को इस से बचने हेतु प्रयास करने चाहिए शुरुवात अपने घर से हो तो ही समाज और देश को इसके गंभीर दुष्परिणामों से बचाया जा सकता है ,नशे की लत जानलेवा साबित हो रही है।
उसके बाद अपराजिता राजोरिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि बढ़ता मोबाइल का उपयोग भी इस नशे की लत को बढ़ावा दे रहा है ,देखा देखी और शौकिया तौर पर युवा पीढ़ी इस नशे की ओर आकर्षित होकर स्वयं का शारीरिक और मानसिक नुकसान कर रही है , आत्महत्या तथा अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है इस नशे की लत से।
तत्पश्चात रश्मि मिश्रा ने अपने विचारों में कहा की प्रतियोगिता के इस दौर में बच्चे हर चीज की होड़ करना चाह रहे है सही गलत की परख किए बिना कुसंगती में पड़कर इस जानलेवा नशे की लत का शिकार हो रहे है समझदारी और संयम रखकर ही इस से बचा जा सकता है।
तत्पश्चात भगवती पंत ने इस गंभीर समस्या के कारण और निवारण पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की युवा पीढ़ी मार्ग भटक रही है उनका पथप्रदर्शन जरूरी है जिसके लिए अभिभावकों , शिक्षको तथा मित्र परिवार को नशे के आदि व्यक्ति की मदद करनी चाहिए , उन्हें मानसिक संबल देना चाहिए।
समाज की इस ज्वलंत तथा गंभीर समस्या पर सभी बहनों ने सटीक सार्थक विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी का सहयोग सराहनीय रहा। अंत में सुंदर आभार प्रदर्शन भगवती पंत ने व्यक्त किए।