विश्व विटिलिगो दिवस पर जनजागृति
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नागपुर। विश्व विटिलिगो (सफेद दाग) दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र IADVL चैप्टर की विदर्भ डर्मेटोलॉजिकल सोसाइटी की ओर से फ्रीडम पार्क, जीरो माइल मेट्रो स्टेशन, नागपुर में विटिलिगो के लिए एक जन जागरूकता
कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर साल 25 जून को दुनिया भर में विटिलिगो दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विटिलिगो या ल्यूकोडर्मा के संबंध में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना और विटिलिगो के बारे में ज्ञान को अद्यतन करना है।
दुर्भाग्य से सफेद दाग को सामाजिक कलंक माना जाता है। आम जनता में भी इस स्थिति को लेकर काफी मिथक और गलतफहमियां हैं। फ्रीडम पार्क जीरो माइल स्टेशन पर आम जनता से सवांद साधकर चर्चा की गई। एसोसिएशन ने एक नाटक के माध्यम से जनजागरण किया गया।
इस नाट्य में डॉ अतुल सलोडकर, डॉ प्रियंका मगिया, डॉ अंशुल जैन, डॉ पुजा बालपांडे, डॉ नितिन बरडे, डॉ सौरभ जयस्वाल, डॉ सुमित जग्यासी, डॉ ईशा अग्रवाल, डॉ जेरिल बनाइत ने विविध भूमिका निभाई। डॉ आशीष पिंपले के दिग्दर्शन को सभी ने सराहा। डॉ मनोज वाघमारे ने विटिलिगो के ऊपर उनका ही बनाया हुआ गीत प्रस्तुत किया।
प्रश्नोत्तरी सत्र मे जनता के सवालों का डॉ बिपिन मेहता और डॉ विक्रांत सावजी ने निराकरण किया एवं विटिलिगो के संबंध में सभी मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया। नागपुर मेट्रो के निदेशक अनिल कुमार कोकाटे और अखिलेश हलवे ने इस कार्यक्रम में शामिल हो कर इसकी शोभा बढ़ाई. विटिलिगो सामान्य आबादी के एक प्रतिशत में होने वाली एक सामान्य स्थिति है।
त्वचा पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं जो व्यक्ति को कोई शारीरिक समस्या नहीं देते हैं लेकिन कॉस्मेटिक विकृति और सामाजिक मुद्दों के कारण बहुत अधिक मनोवैज्ञानिक तनाव का कारण बन सकते हैं।
यह किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है।
यह त्वचा में मेलानोसाइट्स नामक कोशिकाओं द्वारा मेलेनिन वर्णक (त्वचा का रंग) के उत्पादन में असमर्थता के कारण होता है।
सटीक कारण ज्ञात नहीं है लेकिन अज्ञात कारण है जिसके कारण त्वचा में रंग पैदा करने वाली कोशिकाओं को मारने के लिए ऑटो इम्यून तंत्र सक्रिय हो जाता है। विटिलिगो छूने से नहीं फैलता। विटिलिगो कुष्ठ रोग से भिन्न है जहां आपको त्वचा की संवेदनशीलता में कमी के साथ हल्के या लाल धब्बे दिखाई देते हैं।
कुष्ठ रोग बैक्टीरिया के कारण होता है और अगर सही तरीके से इलाज किया जाए तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
जहां तक आधुनिक चिकित्सा साक्ष्यों का सवाल है, विटिलिगो के कारण में आहार की कोई निश्चित भूमिका नहीं है।
सफेद दाग के कई अन्य कारण भी हो सकते है जैसे फंगल संक्रमण, शुष्क त्वचा आदि जिन्हे हम विटिलिगो नहीं कहते। इसलिए सटीक निदान और आगे के प्रबंधन की पुष्टि करने के लिए त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करना बेहतर है।
विटिलिगो का इलाज दवाओं, क्रीम, पराबैंगनी प्रकाश चिकित्सा, सूर्य के प्रकाश चिकित्सा और त्वचा ग्राफ्टिंग या मेलानोसाइट प्रत्यारोपण जैसी सर्जरी द्वारा किया जा सकता है। परिणाम स्थिति की अवस्था पर निर्भर करते हैं।
सामान्य जनता में दिया जाने वाला स्पष्ट संदेश: हमें विटिलिगो वाले व्यक्तियों को कलंकित करने की आवश्यकता नहीं है। वे बिल्कुल सामान्य और फिट व्यक्ति हैं और संपर्क या छूने से यह बीमारी नहीं फैलती है।