सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा, धान, अरहर, मूंग, उड़द के एमएसपी में भारी बढ़ोतरी : मोटवानी
मोटवानी ने बताया कि समर्थन मूल्य बढ़ने से दालों के भी भाव बढ़ेंगे और उसका असर आम नागरिक को पड़ेगा, लेकिन सरकार किसानों को खुश करने के लिए यह कार्य किया है।
मोटवानी ने बताया देश में आयात पर निर्भरता बढ़ने से किसानों द्वारा देश में उत्पादन बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में समर्थन मूल्य बड़ाए गए है, दालों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर देश में प्रोडक्शन बढ़ाने के मकसद से मोदी सरकार ने अरहर, मूंग और उड़द दाल की एमएसपी यानि 'न्यूनत्तम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 202324 मार्केटिंग सीजन के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी गई. जिसमें अरहर दाल के एमएसपी में 400 स्पये की बढ़ोतरी कर 7000 रुपये प्रति
क्विंटल कर दिया गया है।
उड़द दाल की एमएसपी में भी 350 स्प्रये की बढ़ोतरी कर 6950 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग के एमएसपी में 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7755 रुपये से बढ़ाकर 8558 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
कैबिनेट ने 202324 मार्केटिंग सीजन के लिए सरकार के इस फैसले से बड़ा फायदा किसानों को होगा जो अरहर दाल की ज्यादा बुआई करने के लिए प्रेरित होंगे साथ ही उपज पर ज्यादा कीमत मिलेगी।
मिलर्स ने सरकार ने अरहर दाल की एमएसपी में बढ़ोतरी किए जाने की मांग की थी जिससे देश में अरहर दाल की ज्यादा पैदावार हो सके. पिछले कुछ महीनों में अरहर दाल की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है. अरहर दाल की एमएसपी फिलहाल मूंग दाल की एसएसपी 7755 रुपये प्रति क्विंटल से कम है।
देश में अरहर दाल की खपत को पूरा करने सरकार ने 202324 मार्केटिंग सीजन के लिए अतिरिक्त मात्रा में अरहर दाल का आयात किया है जिससे घरेलू मार्केट में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके. लेकिन आयातित तुवर महंगी होने से तुवर दाल के भावों को लगाम नहीं लग पा रही है।
आयातित लेमन तुवर मुंबई में दस हजार रुपए क्विंटल में बिक चुकी है गावरानी तुवर 10500 से ज्यादा हो चुके है दाल होलसेल में 138 से 150 पहुंच चुकी है आजादी के बाद तुवर और तुवर दाल के यह सर्वोच्च रेट है अभी नई फसल में छह माह बाकी है।
देश में कई राज्य सरकारों द्वारा टेंडर कर तुवर दाल की खरीदी की जा रही है ताकि त्योंहारों में आम जनता को सब्सिडी दर से दाल उपलब्ध की जा सके कुछ वर्ष पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने भी सब्सिडी दर से राशन दुकानों में त्योंहारों के समय आम जनता को दाल उपलब्ध करवाई गई थी।
कुछ राज्यों में सरकार तुवर दाल की जगह बटाना दाल वितरित की गई छोटे ग्रामीण इलाके में लाखोडी दाल को तुवर दाल के विकल्प के रूप में खाया जाता, जो तुवर दाल से आधे रेट में उपलब्ध है, मसूर दाल को भी विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता हैं।