बेरोजगार युवा किसकी करें आसं ?
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नागपुर। चैत्र की भरी दोपहरी में जहां लोग घर से निकलने की भी नहीं सोच सकते हैं, ऐसे में अपने पेट की आग बुझाने और परिवार की दो जून की रोटी का जुगाड़ करने के लिए देश के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक कुछ ना कुछ छोटा-मोटा व्यवसाय कर तो रहे हैं, लेकिन उन्हें भी ग्राहकों का इंतजार भरी धूप में करना पड़ता है, कुछ इसी क्रम में नागपुर की सड़कों पर तरह तरह के व्यापार व्यवसाय करते युवाओं को देखा जा सकता है । ऐसे ही शंकर नाम का एक बेरोजगार युवक जो कि, नागपुर के पंचशील चौक स्थित श्रमिक पत्रकार भवन के पास अपना स्वादिष्ट नींबू पानी का ठेला रोज लगाता है, और इंतजार करते रहता है ग्राहकों का, मजे की बात तो यह है की। इसका नींबू पानी बहुत ही स्वादिष्ट है और यहां के आसपास के इलाकों में फेमस है ।
यह नींबू पानी पूरी तरह से नैसर्गिक है । बावजूद इसके ग्राहकों की कमी, कई तरह के प्रश्न खड़े कर रही, और प्रश्न चिन्हं लगा रही है प्रधानमंत्री की उस सोच पर जिसमें वह कहते हैं , कि बेरोजगार युवकों को नौकरी की बजाए छोटा-मोटा व्यवसाय करना चाहिए, कुछ धंधा पानी करें अब सुशिक्षित बेरोजगार युवा करे तो क्या करें ? कुछ पैसों का जुगाड़ कर दुकान खोल ली, पर ना ग्राहक, ना आवक, ना कोई साधन, आखिर बेरोजगार युवक लड़े तो किससे, गरीबी से, बेरोजगारी से, खुद से, व्यवस्था से या फिर सिस्टम से.....?