नितीन गडकरी ने किया संगीतकार आनंदजी का सम्मान
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नागपुर। हिंदी सिनेमा की जानीमानी संगीतकार जोडी कल्याणजी आनंदजी ने 1970 चे दशक में अपने संगीत से तहलका मचा दिया था. डॉन, बैराग, सरस्वतीचंद्र, कुर्बानी, मुकद्दर का सिकंदर जैसी कई फिल्मों को उन्होने संगीत दिया था, जो आज भी दर्शकों के स्मृतिओं में तरोताजा है. इसी संगीतकार जोडी के संगीतकार पद्मश्री आनंदजी का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हातों शनिवार को नागपुर में सम्मान किया गया.
महाविद्यालयीन छात्रो के सह्यतार्थ श्री मथुरादास मोहोता कॉलेज ऑफ साइन्स के पूर्व छात्र संघटन की ओर से आयोजित और द हार्मोनी इव्हेंट्स द्वारा प्रस्तुत ‘कल्याणजी आनंदजी’ म्युझिकल नाईट का संगीत कार्यक्रम शनिवारी का रेशमबाग स्थित कविवर्य सुरेश भट सभागृह में श्रोताओं की बडी संख्या में सम्पन्न हुआ.
इस कार्यक्रम में नितीन गडकरी द्वारा आनंदजी को शाल, श्रीफळ और स्मृतिचिन्ह देकर गौरवान्वित किया गया. इस समय कृपाल तुमाने, सतीश दंडे, विलास अढाऊ, शेखर चहांदे, सचिन वरगंटीवार, विपुल तारेकर,प्रदीप हिवरकर हार्मोनी इव्हेंट्स के राजेश समर्थ प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम की संकल्पना हार्मोनी इव्हेंट्स के राजेश समर्थ द्वारा की गई थी जबकि, व्हाईस ऑफ मो. रफी भोपाल के प्रसन्न राव, मुंबई की पार्श्वगायिका संगीता मेलेकर, व्हाईस ऑफ किशोर कुमार सागर मधुमटके, स्वर्ण स्वर भारत फेम स्वस्तिका ठाकूर और व्हाईस ऑफ मुकेश डॉ. सुधीर कुन्नावार यह गायक कलाकार इस कार्यक्रम शामील हुये. 25 वादको के मुंबई के व्हायोलिन ग्रुपने अपने संगीत की जादू बिखेरी.
कार्यक्रम के दौरान श्वेता शेलगावकर ने कल्याणजी के साथ साक्षात्कार किया.
आनंदजीं ने इस समय उनके भाई कल्याणजीं की यादों को ताजा किया. उन्होने कहा, कल्याणजी खूब मधुरभाषी थे. उन्हे पानीपुरी खाना बेहद पसंद था. पानीपुरी का खट्टा-मिठा स्वाद उन्हें बेहद पसंद था. जो भी अभिनेत्री उनके साथ पानीपुरी खाती उन्हें वो अधिक पसंद किया करते थे.
श्वेता शेलगावकर ने बताया की, आनंदजीं केवल अपने संगीत को व्यवसाय समझ किया नहीं तो उन्होने विभिन्न चॅरिटी शो में जाकर अपने सामाजिक दायित्व को पुरा किया. आनंदजी ने इस वक्त सुरेश भट सभागृह जैसे बेहद सुंदर थिएटर निर्माण के लिए नितीन गडकरी को बधाई दी.
स्वस्तिका ठाकूर ने जब जब फूल खिले इस फिल्म के ये समा या गीत के कार्यक्रम की शुरुवात की. उसके बाद प्रसन्न राव ने अकेले है हे गीत खास मो. रफी के अंदाज में प्रस्तुत कर श्रोताओं की तालिया बटोरी. सागर मधुमटके ने रोते हुये आते है, ये गीत की प्रस्तुती देकर किशोर कुमार की यादों को ताजा किया. संगीता मेलेकर ने दिल तो है दिल, इस गीत की प्रस्तुती.
इस कार्यक्रम में गायकों ने कल्याणजी आनंदजी इस संगीतकार जोडी द्वार निदेशित बेखुदी में सनम, कभी रात दिन, झुपा पे दर्द, पल पल, जिसका मुझे था इंतजार जैसे गीतों की प्रस्तुती देकर श्रोताओं को प्रशंसा प्राप्त की. इस कार्यक्रम का मंच संचालन श्वेता शेलगावकर ने किया.