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अनुश्री के मोहिनीअट्टम ने मोह लिया सबका मन



नागपुर। स्वप्नपूर्ति कला केंद्र के 'ओपन डायस' के 11वें संस्करण के दौरान कोच्चि के डॉ. कलामंडलम सुगंती की शिष्या अनुश्री देशपांडे ने एक सुंदर मोहिनीअट्टम की प्रस्तुति दी। 

अनुश्री ने भगवान शिव, गणेश और देवी को प्रणाम करते हुए एक मनोरम चित्रांगम प्रस्तुत किया। उनके शानदार और गरिमामय नृत्य प्रदर्शन ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

सुंदर चाल और भावनात्मक अभिव्यक्ति ने उनकी मनमोहक कला के माध्यम से कहानियों को बड़ी खूबसूरती के साथ दर्शकों के सामने रखा। नृत्य प्रदर्शन में प्रत्येक भाव और कदम का लालित्य स्पष्ट झलक रहा था।

बता दें कि अनुश्री 11वीं कक्षा की छात्रा है जो 3 साल की उम्र से अपने नाना, सुप्रसिद्ध कथक गुरु, मदन पांडे के कुशल मार्गदर्शन में कथक सीख रही है। वह अन्य कलाएँ भी सीखना चाहती थीं और उन्हें स्पीकमैके द्वारा गुरुकुल अनुभव छात्रवृत्ति के रूप में यह अवसर मिला। 

इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम में पूरे भारत के लोगों को स्थापित गुरुओं से विभिन्न कलाएँ सीखने और एक महीने तक उनके साथ रहने का अवसर मिलता है। अनुश्री देशपांडे उन चंद भारतीय प्रशिक्षुओं में से एक थीं जिसे यह अवसर प्राप्त हुआI

अनुश्री कोच्चि में गुरु डॉ. कलामंडलम सुगंती से सीखने गई जो खुद एक नर्तक और कोरियोग्राफर भी हैं, जिन्होंने अपना जीवन नृत्य को समर्पित कर दिया है। वे न केवल मोहिनीअट्टम बल्कि भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी में भी पारंगत हैं। 

किसी कला को सीखने में एक महीना जितना लंबा प्रतीत होता है, उसकी तुलना में किसी भी शास्त्रीय नृत्य शैली को सीखने के लिए बहुत ही कम है । लेकिन गुरु और शिष्यों के अथक प्रयासों और दृढ़ता के कारण और उसकी लगन से वह यह नृत्य शैली सीखने में सफल हुई। 

एक सुंदर नृत्य प्रस्तुति 'चित्रांगम' सीखने में सक्षम साबित हुई। रोजाना आठ से दस घंटे नृत्य करने के बाद आखिरकार मेहनत रंग लाई। इसी के साथ अनुश्री मोहिनीअट्टम  की प्रस्तुति देने में सक्षम रही।
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