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सोशल मीडिया पर बढ़ता विष कन्याओं का आतंक



वर्तमान समय में सोशल मीडिया का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। जीवन की अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक सोशल मीडिया के महत्व को मानने से इंकार नहीं किया जा सकता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसी सोशल मीडिया साइट या एप आजकल खूब इस्तेमाल की जाती हैं। 

यह हमें लोगों से जुड़ने में मदद करती हैं और साथ ही खूब मनोरंजन भी करती हैं। हम अक्सर खाली समय में अपने मोबाइल में सोशल मीडिया एप्स खोलकर यूज करने लगते हैं। एक ओर जहां सोशल मीडिया के लाखों लाभ उजागर हैं वहीं दूसरी और इसके अवगुण भी जीवन को प्रभावित कर सकते है।इनके कई दुष्परिणाम भी सामने आ चुके हैं।
टेक्नोलॉजी के इस दौर ने इंसानी रिश्तों और दोस्ती का चेहरा तक बदल कर रख दिया है। 

एक दौर था जब दो लोग आपस में मिला करते थे, बातें करते थे, एक-दूसरे को समझते थे और उसके बाद कहीं उनमें दोस्ती होती थी. एक दौर ये है कि जब दो दोस्तों में से दोनों को ये पता नहीं है कि सामने वाले का नाम क्या है, उसका चेहरा क्या है, वो करता क्या है. ये आज के दौर की दोस्ती है. सोशल मीडिया की दोस्ती है, जिसमें कई जुर्म की वारदात सामने आ रही है।सोशल मीडिया के दौर की एक अजीब साजिश की।
 
उन्हीं में से एक यह भी है कि अक्सर इनका इस्तेमाल कुछ लोग हमें मूर्ख बनाने में, हमें किसी जालसाजी में फंसा कर ब्लैकमेल (blackmail) करने में या हमसे पैसे ऐंठने में भी करते हैं। यह जालसाज लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके ईज़ाद करते रहते हैं। ऐसे ही एक वीडियो काॅल से ब्लैकमेल करने के स्कैम के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

देश में सेक्सटॉर्शन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर युवा ब्लैकमेलिंग के जाल में फंसकर गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। फेसबुक पर न्यूड वीडियो कॉल कर ब्लैकमेल करने वाले साइबर क्रिमिनलों ने नया तरीका निकाल लिया । पहले लड़की से ऑनलाइन रेप करने के नाम पर अश्लील वीडियो को फेसबुक पर डालने की धमकी देते हैं। 

ऐसा ना करने के एवज में पैसे ले लेते हैं। इसके बाद दूसरे नंबर से You Tube का अधिकारी बताकर फोन करते हैं और कहते हैं उनका अश्लील वीडियो यू-ट्यूब पर काफी वायरल हो रहा है। उस वीडियो को यू-ट्यूब से हटवाने के लिए फीस के तौर पर 8 से 10 हजार रुपये या इससे भी ज्यादा वसूल लेते हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच के नाम पर फोन कर अश्लील वीडियो का ऑनलाइन रेप का आरोप लगाकर ब्लैकमेल कर रहे हैं।
सोशल मीडिया एप्स पर लोगों को बेवकूफ बनाकर या ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं।

खास बात यह है कि सरकारी तौर पर इन पर केवल चैतावनी देकर जागरूक किया जाता है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते जिसके कारण फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट सहित व्हाट्स ऐप पर मौजूद यह विष कन्याएं लोगों को पहले अपनी दोस्ती के मायाजाल में फंसाती हैं, फिर अपना रंग दिखाती हैं। समाज का एक बड़ा तबका जिनमें युवा भी हैं वह इनके मायाजाल में आसानी से फंस जाते हैं। ऐसा नहीं है कि बड़ी उम्र के लोग इससे अछूते हैं। देखा जाए तो यह विष कन्याएं एक रैकेट के भांति सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काम करती हैं ओर तलाशती हैं ऐसे लोगों को जो नामवर, इज्जतदार हो, धनवान हो, रसूखदार हो, जिनको अपनी इज्जत अपनी शोहरत अपने रुतबे की ज्यादा चिंता हो। 

मोबाइल, लैपटॉप की स्क्रीन पर अश्लीलता परोसने वाली यह विष कन्याएं पहले अपने बदन की नुमाईश करती हैं, फिर सामने वाले को आकर्षित कर उत्तेजित करती हैं कि वह इनके इशारे पर अपनी मर्यादाओं को त्यागे।एक बार उसके द्वारा मर्यादाओं को त्यागना ही इनकी सफलता की कुंजी है। उसकी विडियो, फोटो सहेजकर यह विष कन्याएं फिर अपना वास्तविक रूप दिखाती है। संबंधित को ब्लैक मेल करके रुपयों की मांग करना, रुपए नही देने पर सार्वजनिक रूप से उनका प्रदर्शन की धमकी देना उनकी आदत का हिस्सा होता है, नतीजा यह निकलता है कि लोकलाज की चिंता कर इन विष कन्याओं की नाजायज मांगों को मान लेते हैं और देश में इस तरह के सेक्सटॉर्शन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

साथियों फेसबुक, इंस्टाग्राम पर पाई जाने वाली विष कन्याओं की खोज करने पर एक विशेष बात देखने को मिली,वह थी, एक ही फोटो वाली विष कन्या के अलग अलग नाम के फेस बुक खाते पाए गए, सोनम शर्मा, अंजली सरमा, पूनम कुमारी इन जैसे ढेरो नाम से विष कन्याये फेस बुक पर पाई जाती हैं जो आपको दोस्ती का प्रस्ताव भेजेंगी आपने स्वीकार किया और आप फंस गए इनके जाल में। इस तरह के साइबर अपराधों को रोकने के लिए सावधानी जरूरी है लेकिन लोगों के विचारों पर कैंची चलाने वाले जुकर्स वर्ग को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मौजूद इन विष कन्याओं पर नियंत्रण की कोई चिंता नहीं है। पुलिस भी खासी तवज्जो नहीं देती और अपराध कारित होने के बाद सक्रीयता दिखाती है।

- सैयद खालिद कैस
फाउंडर प्रेसीडेंट प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स 

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