नागपुर को बनाये देश की सुरक्षित राजधानी
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नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। भारत देश 1947 में स्वतंत्र हुआ. 1956 में दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश बनकर भी भारत की राजधानी बना. फिर 1992 से दिल्ली को राज्य का दर्जा मिला. एक राज्य देश की राजधानी बना हुआ है. जहाँ मुख्यमंत्री के साथ साथ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित लोकसभा, राजयसभा जैसे प्रमुख संवैधानिक स्थान मौजूद है.
वहीं महाराष्ट्र का मुंबई राजधानी वाला शहर देश की आर्थिक राजधानी कहा जा सकता है. नागपुर शहर में सम्पूर्ण देश के 29 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश जैसे स्थानों से आये नागरिक रहते है. सभी अनेक धर्म,अनेक भाषा के होने पर हिंदी भाषा में बात करते है.
नागपुर बाढ़, भूकंप, युद्ध के समय सबसे सुरक्षित स्थान होने से यहाँ अनेक नागरिक निवास करने आ चुके है. यह शहर आनेवाले वर्षों में दुनिया के बेहतर शहरों की श्रेणी में आ सकता है. यह शहर पर्यटन क्षेत्र भी बन सकता है. यहाँ मेट्रो, रेलवे, बस, हवाईमार्ग में अभूतपूर्व विकास होने जा रहा है. नागपुर यह मध्य भारत का सीपी एंड बरार के समय का राजधनी वाला शहर है.
नागपुर के पास रामटेक, सेमिनरी हिल्स स्थित बालाजी मंदिर, लुर्द माता मंदिर, तेलंगखेड़ी मंदिर, गिट्टीखदान में स्थित रामदेव बाबा मंदिर, बुधवारी स्थित कई शिवालय और उप-मंदिर, सीताबर्डी स्थित श्री गणेश मंदिर, कस्तूरचंदपार्क के आसपास के कई चर्च, मोमिनपुरा की मस्जिद, कामठी रोड के गुरूद्वारे, इतवारी धारस्कर रोड के वेंकटेश देवस्थान, द्वारकाधीश देवस्थान,
नरसिंह मंदिर, महल स्थित भोंसलेकालीन मंदिर, पांचपाओली शिवालय सिद्धिविनायक मंदिर, कल्याणेश्वर मंदिर, भोंडा महादेव मंदिर वर्धा रोड स्थित साईं बाबा मंदिर, पारडी भवानी माता मंदिर, पातालेश्वर मंदिर, चिंतेश्वर मंदिर, गांधीसागर स्थित झूलेलाल मंदिर विदर्भ चंडिका दुर्गादेवी मंदिर, कबीर पंथी मंदिर और यही नहीं अनेक राज्यों के नागरिकों के सामाजिक सभागृह भी मौजूद है. अब तो मेट्रो स्टेशन का भी निर्माण हो चुका है.
ऐसे सर्वधर्म समभाव के शहर को देश की सांस्कृतिक राजधानी बनाना देश के नागरिकों की मांग है. दिल्ली पूर्व में भारत का केन्द्र शासित प्रदेश और मौजूदा समय में एक राज्य है. जहाँ आप की सरकार है. दिल्ली यह हरियाणा की तीन दिशा की बॉउंड्री से जुडी हुई है. एक दिशा की बॉउंड्री उत्तरप्रदेश से जुडी है.
यहाँ ज्यादा जनसँख्या हरियाणा और उत्तर भारत के नागरिकों की है. जबकि नागपुर जैसा शहर मध्यभारत का त्रिशताब्दी वाला सांस्कृतिक,सुरक्षित शहर है.पूर्व में कस्तूरचंद पार्क में एक जनसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के संसद भवन और राष्ट्रपति भवन निर्माण नागपुर के निकट किये जाने के विचार व्यक्त किये थे.
उस समय वसंतदादा पाटिल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. उस वक्त इंदिरा गांधी ने आचार्य विनोबा भावे और महात्मा गांधी के सेवाग्राम आश्रम के निकट भारत के संसद भवन भविष्य में निर्माण करने के विचार भी व्यक्त किये थे.अब जबकि राजनितिक संसद भवन का निर्माण फिर से दिल्ली में किया गया है.
जहाँ वर्ष के अंतिम माह से जनवरी तक कोहरे का मौसम रहने से संसद की कारवाही और कामकाज में विघ्न आते है.आपातकालीन समय में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिराजी गांधी द्वारा विचार किये गए स्थान के पास भी मध्यभारत का संसद भवन बनाया जाना चाहिए. यह देश और देश के महत्वपूर्ण नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए उचित होगा.