भावनात्मक यादें छोड़ गया 'डोंट वरी बी हैप्पी'
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नागपुर। ज्येष्ठ मित्र मंडल की ओर से मासिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में पिताश्री सभागृह, दयानंद कॉलेज, जरीपटका में सिंधी कलाकारों द्वारा 'डोंट वरी बी हैप्पी' का मंचन किया गया. राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष दादा घनश्याम कुकरेजा, ज्येष्ठ मित्र मंडल अध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा, महासचिव लक्ष्मण पेशवानी, जीतु बेलानी, अनिल वाधवानी, श्रीचंद दासवानी, प्रो. पी डी केवलरामानी, किशोर लालवानी, परसराम चेलानी ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. प्रस्तावना मंडल अध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा ने रखी.
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि दादा घनश्याम कुकरेजा ने कहा कि किसी भी भाषा के विकास में आवाजी संस्कृति का बहुत महत्व रहता हैं. जिसमे नाटक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. श्रीचंद दासवानी ने युवा पीढ़ी में संस्कारों के बीजारोपण का महत्व समझाया. किशोर लालवानी ने नाटक में प्रस्तुत सामाजिक संदेश के बारे में बताया कि आमतौर पर देखा गया है कि आजकल सयुंक्त परिवारों में बुजुर्गों की अवहेलना की जाती है.
युवाओं की यह कोशिश रहती है कि बुजुर्ग किसी तरह घर निकल जाए एवं वृद्धाश्रम जाकर रहे. नाटक को दर्शकों ने दिल खोलकर दाद दी. नाटक में हास्य एवं गंभीर संवादों के मिश्रण द्वारा दर्शकों के महत्व को समझाने का प्रयत्न किया गया. डॉ विजय मदनानी ने बुजुर्ग रतनलाल के रोल में तथा जया चेलानी ने ज्योति के रोल में दर्शकों पर अभिनय की छाप छोड़ी.
नाटक के लेखक किशोर लालवानी व निर्देशक परसराम चेलानी थे. नाटक में गुरमुख मोटवानी, चेलानी, लालवानी, किरण वीरानी, पवन चेलानी, दिनेश केवलरामानी, आशु तुलसवानी, मधु चेलानी प्रथानी, डॉ संजय थेटरे, कमल मुलचंदानी, रीटा कंधारी ने अपनी भूमिका से न्याय किया. सभी कलाकारों का स्मृति चिन्ह देकर सत्कार किया गया. नाटक की लाइटिंग हरीश माईदासनी, सेटिंग सतीश कालबांडें, मेकअप नकुल श्रीवास ने किया.
बैक स्टेज व्यवस्था परमानंद कुकरेजा व चंदु गोपानी ने संभाली. कार्यक्रम का मंच संचालन संगीता दलवानी ने व आभार रमेश सचदेव ने व्यक्त किया. आयोजन को सफल बनाने में लक्ष्मण पेशवानी, रमेश आसनानी, रमेश सचदेव, मनोहर आहुजा, सुखदेव भगचंदानी, रजनी शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.