सागरा प्राण तळमळला' ने मराठी अस्मिता को जगाया
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नागपुर। वीर सावरकर की अजरमार कविता 'सागरा प्राण तळमळला' गाकर गायकों ने मराठी अस्मिता को जगाया.श्री रोडेज् म्यूजिकल स्टुडिओ द्वारा प्रस्तुत सौ . रोमा रोडे इनकी संकल्पना से संगीतमय कार्यक्रम 'मराठी गीतांची मेजवानी' श्री रोडेज् म्यूजिकल स्टुडिओ, गोपाल नगर से श्रीकांत रोड़े के यूट्यूब अकाउंट पर लाइव किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मायाताई हाडे (भाजपा नागपूर महानगर उपाध्यक्ष ) उपस्थित थीं।
अतिथी गायिका अरुंधती रंभाड ने 'मझे राणी माझे मोगा' और दीपक तांबेकर ने 'ही चाल तुरू तुरू' यह गीत पेश कर रसिकोकों मंत्रमुग्ध किया. इसके अलावा अश्विनी पेढेकर ने 'फुलले रे क्षण माझे', नंदा चिलाटे ने 'तोच चंद्रमा नभात',
सुनील आसरे ने 'आकाशी झेप घे रे', डॉ. किशोर जाधव ' ने 'केव्हा तरी पहाटे', डॉ. सुशील गाडेकर ने 'मनाच्या धुंदीत येना ', अमित पेढेकर' ने 'माझे राणी माझे मोगा', राजेश हिवरक 'ने ये रे घना', प्रकाश जीकार ने 'ही नवरी असली' , मुकुंद घाटे ने 'शोधिसी मानवा', रोमा रोडे ने ' मी रात टाकली',
सतीश बल्लाळ ने ' एक धागा सुखाचा', श्रीकांत और रोमा ने 'निशाणा तुला दिसला ना' , वंदना ने ' का रे दुरावा' , महेश खानोलकर ने 'देहाची तिजोरी' ऐसे बेहतरीन सदाबहार मराठी गीत प्रस्तुती किये।
कार्यक्रम का निवेदन मंजिरी भावे ने किया और व्यवस्थापन मनीष की ने किया. इस कार्यक्रमाको वंदना कडू और सतीश बलाळ का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. आयोजक श्रीकांत रोडे ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया है।