भारतीय पत्रकारिता में हो रहा बदलाव
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नागपुर। (आनन्दमनोहर जोशी)। एक समय राजनीतिक ख़बरों से दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्र भरे रहते थे. अब देश ही नहीं दुनिया में ज्ञान, विज्ञान, आर्थिक,सामाजिक आधुनिक, विकासात्मक ख़बरें शीर्ष पर रहती है.
राजनितिक समाचार की ब्रेकिंग न्यूज़ इलेक्ट्रॉनिक चैनल पर छाई रहती है. इस बीच विज्ञापन से इलेक्ट्रॉनिक चैनल, अखबार जगत को विशेष सहयोग मिलता है.जबकि दुनिया के अनेक देशों में कागज़ के अखबार की संख्या दिनोदिन घटने से चिंता का वातावरण बनता जा रहा है.
वर्तमान समय की नई पीढ़ी मोबाइल, इंटरनेट, टेलीविजन, लैपटॉप का प्रयोग कर रही है. 35 वर्ष के ऊपर आयु समूह अभी भी कागजी अखबार में ज्ञान, विज्ञान, विकास, आर्थिक, सामाजिक, संस्कृति, इतिहास,भूगोल की ख़बरों को पढ़ रहे है.
आज के अखबारों में प्रथम पृष्ठ पर राजनितिक, आर्थिक, खेल जगत, राष्ट्रीय सुरक्षा, न्यायालय, सामान्य ज्ञान, दुर्घटनाओं के समाचार लिखे जा रहे है. साथ साथ अखबारों में विज्ञापन की होड़ सी लग गई है. समाचार पत्र स्थानीय, राज्यस्तर, राष्ट्रिय के साथ दुनिया के समाचार प्रमुखता से दे रहे है.
समाचार पत्र में प्रदुषण, आगजनी, हवाई उड़ानों, आपराधिक ख़बरें, फसल उत्पादन, धार्मिक, बुनियादी परियोजनाओं अभीनेता, अभिनेत्री, सिनेमा जगत, संपदा, लघु विज्ञान, नृत्य, स्वस्थ, कानून व्यवस्था, आधुनिक विज्ञान, शोध के समाचार रहने से कागजी समाचार पत्रों की उपयोगिता बनी हुई है.