स्मार्ट फोन से घट रहा आत्मविश्वास औरबढ़ रहा अवसाद : पांडे
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नागपुर : स्मार्ट फोन के कारण आज की युवा पीढ़ी में आत्मविश्वास लगातार घटता और अवसाद बढ़ता जा रहा है। कई युवा अवसादग्रस्त होकर आत्महत्या करने के लिए प्रवृत्त होते दिख रहे हैंआजकल युवाओं में उग्रता और हिंसा की प्रवृत्ति भी लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है। यही कारण है कि स्मार्ट फोन के कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है और जीवन की गुणवत्ता में भी गिरावट आ रही है।
यह विचार प्रमुख अतिथि वक्ता वरिष्ठ पत्रकार अजय पांडे ने कृष्णराव कोहले स्मृति मंच द्वारा श्रीकृष्ण सभागृह झींगाबाई टाकली नागपुर में 'अपने बच्चों को मोबाइल से बचाओ अभियान : आओ स्वास्थ्य से करें दोस्ती' कार्यक्रम में व्यक्त किए।
श्री पांडे ने कहा कि स्मार्ट फोन के अत्यधिक उपयोग से युवा पीढ़ी में जीवन में आगे बढ़ने की अधीरता और किसी भी कीमत पर अपनी पहचान बनाने का फितूर एक चिंता का विषय हो गया है। समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो स्थिति बद से बदतर हालत में पहुंचने में समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार ईयर फोन के लगातार उपयोग से व्यक्ति के सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसीबल कम हो जाती है साथ ही कान का परदा हिलने लगता है। देश में 50 प्रतिशत युवाओं में कान के रोगों का कारण ईयर फोन का अत्यधिक इस्तेमाल है। वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य के कान 65 डेसिबल तक की ध्वनि को ही सहन कर सकते हैं।
स्मार्ट फोन दोधारी तलवार की तरह है, इसका सही उपयोग किया गया तो सृजन की असीम संभावनाएं भी इसमें निहित है।
मंच के संस्थापक संयोजक डॉ.प्रेम जोगी ने कहा कि मोबाइल के कारण बच्चों में आंखों के रोग, कम सुनाई देना, सिर दर्द, माइग्रेन, डिप्रेशन, थकान, शारीरिक और मानसिक विकृतियां जैसी कई बीमारियां पनप रही है। विद्यार्थियों में एकाग्रता की कमी , चिड़चिड़ापन, शैक्षणिक उपलब्धि में गिरावट बढ़ती दिखाई दे रही है। कवि जीवन खोबरागड़े ने अपनी कविताओं के माध्यम से जनजागृति पैदा की।
मंच पर अंबादास कोहले, गोपाल सिंधूरकर प्रमुखता से उपस्थित थे। मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन नितिन कोहले ने किया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रतीक बावने, उमेश कोहले, खुशवंत यादव, वामनराव धंनजोडे, महिपाल नेगी, विनोद माटे, धनंजय खेड़कर, दीपक अहिर, उर्मिया यादव, नरेंद्र नानोटकर, पापा शिवपेठ, प्रशांत भोयर, राजू भदंग, कांता कोहले, उमेश यादव, नेमचंद चोरे, अरविंद शर्मा, सतीश गायकवाड, विनायक गिरी, दीपक अहीर, ज्ञानेश जोगी आदि ने परिश्रम किया।
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