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'भावसरगम' से सजा 'उभरते सितारे'



नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित सदाबहार लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'भावसरगम' विषय पर संगीतमय जानकारी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें, सुपरिचित गायिका एवं शिक्षिका श्रीमती.ज्योत्सना जाजु अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। इनका स्वागत सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। 

अपने संबोधन में ज्योत्सना जाजु ने बताया कि स्वर में विशिष्ट निरागस भाव होता है। स्वर के भाव शब्दों द्वारा, गीतों के रूप में बतलाए जाते हैं। जिसमें, भक्ति,  श्रृंगार, विरह, वेदना, प्रसन्नता होते हैं।
कार्यक्रम में 'भावसरगम' विषय पर सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने शुरुआत में प्रस्तावना रखीं। जिसमें उन्होंने विस्तारपूर्वक संगीतमय भावसरगम की व्याख्या को समझाया।

तत्पश्चात, बच्चों ने अपनी कला की सुंदर प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। जिसमें, आर्या संदीप भोंगाडे ने अपनी स्टॅडिंग काॅमेडी से सबको हंसाया और साथ में मानवता का संदेश भी दिया। विधी जौंजाड का नृत्य प्रभावशाली रहा। आनंद डोंगरे, ओमप्रकाश कहाटे, वंदना जनबंधु, मनोज जाजु, अनुष्का फुलझेले, अर्नव बागल, ईधा मजुमदार, कनक झंवर, आर्यन डोंगरे और वंशिका नाईक के गीतों ने समां बांध दिया।

बच्चों की कलात्मक सृजनता को वैशाली नाईक,  हृदय चक्रधर, गुणवंता शेळके, मधुरा मजूमदार, प्रिती अभिजीत बागल, पूनम झंवर, ज्योति सुधीर जौंजाड, अश्विनी अजय लखोटे आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन क्रमशः  

सहसंयोजिका कृष्णा कपूर और वैशाली मदारे ने किया। तथा, सभी उपस्थित सुधिजनों, कलाकारों और दर्शकों का आभार संयोजक युवराज कुमार ने व्यक्त किया।
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