बढ़ते हुए तापमान से लू लगने का खतरा
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नागपुर/सिंगापुर (आनन्दमनोहर जोशी)। भारत कृषि प्रधान और लाखों गावों का देश है. खेत, खलिहान में बैल, गायों, भैसों के तबेलों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से जानवरों की जान चली जाती है. अनेक स्थानों पर खुली तेज धुप में जानवरों को बांधकर रखने से लू लग जाती है. जानवरों, नागरिकों के लिए धुप से बचने के लिए व्यवस्थित शेड की आवश्यकता है. साथ साथ प्यास के समय पानी की भी जरुरत है.
प्राचीन भारत में नागरिकों के लिए निजी क्षेत्र में प्याऊ, जलकुण्ड बनाये जाते थे. लेकिन वर्तमान समय में ना तो जलकुण्ड, ना ही प्याऊ की व्यवस्था ज्यादा तौर पर की जा रही है. आज पशुओं के साथ पक्षियों के लिए जलपात्र रखने की जरुरत है. अनेक धार्मिक प्रतिष्ठान से निवेदन है कि पक्षियों, पशुओं के लिए तेज गर्मी में शेड, पौधे, पेड़ लगाने की कोशिश करना चाहिए. साथ ही आम सामान्य जनता के लिए सार्वजनिक प्याऊ लगाकर निशुल्क व्यवस्था की भी जरुरत है.
सम्पूर्ण भारत के रेलवे स्टेशन, बड़े, छोटे बस स्टैंड पर भी प्याऊ और शेड की भी आवश्यकता है. भारत की संस्कृति में ही यह संभव है. अन्य देशों में यह व्यवस्था असंभव है. आज सिंगापुर जैसे देश में 200 मिलिलिटर की पानी की बोतल 60 रुपये से 180 रुपये मिलती है. भारत देश में भी 20/-प्रति लीटर पानी बिक रहा है.