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अहमदनगर जिले के हिंदी अध्यापकों का नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह संपन्न



नागपुर/हैदराबाद। संस्थान के हैदराबाद केंद्र पर महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के हिंदी अध्यापकों के लिए 457वाँ नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह संपन्न हुआ। 

नवीकरण पाठ्यक्रम 20 से 31 मार्च तक केंद्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद केंद्र के बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित किया गया। इस पाठ्यक्रम में कुल 14 (11 पुरुष तथा 03 महिला) हिंदी अध्यापकों ने प्रतिभागिता की। इस पाठ्यक्रम के संयोजक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे हैं।
इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन 20 मार्च को किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. माणिक्यांबा ‘मणि’ जी उपस्थित रहीं।

इस पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे के साथ-साथ डॉ. साईनाथ चपले, डॉ. सी. कामेश्वरी, डॉ. पी.आर. घनाते एवं श्री चंद्र प्रताप सिंह ने कक्षाध्यापन कार्य किया। तेलंगाना महिला विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजश्री मोरे, उस्मानिया विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. डब्ल्यू मायादेवी तथा हिंदी शिक्षण योजना, भारत सरकार, कवाड़ीगुड़ा, हैदराबाद की उप निदेशक श्रीमती बेला जी ने विशेष व्याख्यान में अपना-अपना योगदान दिया।

पाठ्यक्रम के दौरान हिंदी व्याकरण तथा उसके विविध आयामों पर चर्चा की गई, उच्चारण दोष, वर्तनी सुधार, मौखिक अभिव्यक्ति, लिखित अभिव्यक्ति, भाषा शिक्षण, साहित्य शिक्षण, भाषा परिमार्जन, हिंदी शिक्षण में प्रौद्योगिकी का प्रयोग, प्रयोजनमूलक हिंदी, हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास, हिंदी भाषा का उद्भव और विकास, भारतीय संस्कृति, कविता, कहानी और नाटक शिक्षण, अनुवाद, आदि पर ज्ञानवर्धन किया गया। अंत में उनका पर-परीक्षण लिया गया। पर-परीक्षण में प्रथम स्थान श्री संजय सोन्याबाबू ठोकळ, द्वितीय स्थान श्रीमती प्रतिक्षा मधुकर लोहकरे तथा तृतीय स्थान श्री बाबासाहेब त्रिंबक गुंजाळ ने प्राप्त किया।

पाठ्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों से सृजनात्मक कार्य करवाया गया तथा उन्होंने हस्तलिखित पत्रिका की रचना की जिसमें अहमदनगर राज्य के ऐतिहासिक, दार्शनिक, मराठी भाषी स्वतंत्रता सेनानियों, साहित्यकारों, प्राकृतिक सौंदर्य तथा पर्यंटन स्थलों आदि के बारे में लिखा है।
कुछ प्रतिभागियों ने स्वरचित कविताएँ, संस्मरण, साक्षात्कार आदि लिखे। हस्तलिखित पत्रिका का नाम 'अहमदनगर की धरोहर' रखा गया तथा समापन समारोह में इसका लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रो. शशि मुदिराज तथा मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। 

इस नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह दि.31 मार्च को हैदराबाद केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में हैदराबाद विश्वविद्यालय की पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शशि मुदिराज  उपस्थित थीं। आमंत्रित अतिथि अध्यापक के रूप में श्री सी.पी. सिंह तथा अतिथि प्रवक्ता डॉ. साईनाथ चपले उपस्थित थे। अतिथियों का परिचय डॉ. एस. राधा जी ने दिया।

समापन समारोह के दौरान प्रतिभागियों ने पाठ्यक्रम से संबंधित अपने मंतव्य प्रतिक्रियाओं के रूप में प्रस्तुत किए। हिंदी देशभक्ति गीत, स्वरचित कविताएँ प्रस्तुत कीं। अतिथियों के करकमलों द्वारा सभी पुरस्कृत प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए गए तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण किए गए।

समारोह में उपस्थित अतिथियों ने प्रतिभागियों को संबोधित किया तथा हिंदी शिक्षण को रूचिपूर्ण तरीके से अपने छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
उनने आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रतिभागियों ने अहमदनगर जिले के सभी अध्यापक जो कुछ यहाँ से ज्ञान अर्जित किए हैं उसका लाभ हमारे महाराष्ट्र के सभी विद्यार्थियों तक अवश्य पहुँचाएँगे। 

साथ यह भी कहा कि हम जल्द ही अहमदनगर के सभी हिंदी अध्यापकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें सभी अहमदनगर के हिंदी अध्यापकों को इस पाठ्यक्रम में मिले ज्ञान को उन सभी हिंदी अध्यापकों में बाँटने का कार्य करेंगे। समारोह का सफल संचालन हिंदी अध्यापक श्री कांबले सिद्धार्थ नागनाथ ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन तथा आभार हिंदी अध्यापिका श्रीमती नवल संजीवनी मोहन ने प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान के साथ समापन समारोह संपन्न हुआ।
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