आल इंडिया ब्राह्मण संगठन एवं हिंदी महिला समिति की संयुक्त रूप से परशुराम जयंती
https://www.zeromilepress.com/2023/04/blog-post_40.html
नागपुर। आल इंडिया ब्राह्मण संगठन एव हिंदी महिला समिति ने परशुरामजी की जयंती संयुक्त रूप से आनलाइन हर वर्ष की तरह बौद्धिक स्तर का प्रभावशाली, सुंदर कार्यक्रम अनेक प्रांतों की महिलाओं के साथ सम्पन्न किया जो सफल
रहा। इस पावन अवसर पर 'आल इंडिया ब्राह्मण
संगठन' के महासचिव विपुल उपाध्याय मुख्य अतिथि गुजरात से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन, संचालन नागपुर परशुराम शाखा की अध्यक्षा रति चौबे ने किया
आरंभ में रति चौबे ने परशुरामजी के जन्म स्थान के विषय में कहा जिसकी चर्चाए बहुत सी होती हैं, पर यह सत्य है कि परशुराम विष्णु के ही 'आवेश अवतार' है। परशुराम चारों युगों में है कारण वे अजय, अमर है। सतयुग में गणेश को भी उन्होंने 'एकदंत' बनाया, त्रेतायुग में राम का भी उन्होंने अभिनंदन किया। द्वापर में श्रीकृष्ण को सुदर्शन उपलब्ध भी करवाया। कलियुग में वो 'महेन्द्रगिरी पर्वत' पर तप कर रहे हैं यह परशुराम की तपोस्थली है। उनके प्रति 'श्रत्रिय नाश' की जो भ्रमित धारणा है वह निराधार है।
कार्यक्रम का आरंभ 'शंखनाद' से कविता परिहार, कमल शर्मा ने किया, वातावरण गुंजायमान हुआ, सरोज गर्ग ने परशुरामजी की मधुर आरती सस्वर गाई, गीता शर्मा ने आज की पीढ़ी के युवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के हर बच्चे की जुंबा पर यह नाम होना चाहिए - कौन है परशुराम यह ध्यान होना चाहिए। बात अन्याय की हो तो शस्त्र उठाने में हिचकिचाये नहीं, डर की लड़ाई हो तो, डर से मुंह छुपाएं नहीं। मंजू पंत ने दिल्ली से आनलाइन जुड़ 'लक्ष्मण - परशुराम संवाद' को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया प्रशंसा की पात्र रही।
कोंपल शर्मा ने पूना से जुड़ कर परशुराम के जीवन की अनेक झलकियों को एक विडियो से दिखाया जो तारीफें काबिल रहा। लोक गायिका मधुबाला श्रीवास्तव ने राम - गीत गाकर सबको लुभाया तो कमल शर्मा का भजन ढोलक पे सबको मस्त कर गया।
भांझर पर रेखा तिवारी के परशुराम लोक गीत ने सबको ही झूमने को मजबूर किया। रश्मि मिश्रा ने अपने को परशुराम के रुप में प्रकट हो उन्हीं के शब्दों को दोहराया जो प्रभावी रहा। उपाध्यक्ष रेखा पांडे ने अक्षय तृतीया की महत्ता बताते हुए परशुराम जी की चालीसा का पाठ किया, सभी ने साथ दे भक्तिमय माहौल कर दिया।
सरोज गर्ग ने भी मधुर राम भजन गाया। मंजू पंत का भजन सुंदर रहा, बालरुप में परशुराम बने प्रणय पुरोहित के भी संवाद प्रभावी रहे तो रश्मि मिश्रा व कमल शर्मा, मधुबाला श्रीवास् के भजनों ने माहौल मस्त कर दिया। बबीताजी, शारदा जी, ममता विश्वकर्मा, शर्माजी, भगवती जी, हेमन्त शर्मा, श्रीवास्तव जी के साथ अन्य दर्शकों ने आनलाइन जुड़ कर कार्यक्रम की गरिमा बढाई।
अंत में श्री विपुल उपाध्याय ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए सभी का प्रस्तुत करने वालों की तारीफ की। मातृ शक्तियों को सर्वोपरी माना साथ ही परशुरामजी को नमन करते कहां ब्राह्मणों के मंत्रोच्चारण से सारा का सारा वातावरण जागृत होता हैं वे पूजनीय है। स्थान स्थान पर ब्राह्मण भवन के संगठन का प्रयास करें जिससे वातावरण, खूबसूरत
जागृत हो। परशुरामजी के नाम का एक दीपक हर घर में प्रज्जवलित हो, उन्होंने अपनी जोश भरी आवाज में कहा। अंत में कोषाध्यक्ष ममता शर्मा ने आभार माना।