'दिल ढूंढता है फिर वही' सुमधुर शाम
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नागपुर। वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड द्वारा अर्पण सभागृह में आयोजित 'दिल ढूंढता है फिर वही', सुपरिचित कलाकारों के साथ बेहद शानदार कार्यक्रम रहा। जिसकी संगीतमय शुरूआत गुरुवंदना के साथ नंदकिशोर मूले ने की।
जिसमें कई गीतों को दर्शकों के वंसमोर के साथ गायक कलाकारों ने प्रस्तुत कर दिल जीत लिया। इस अवसर पर वैशु'ज़ म्युजिकल वर्ल्ड की निदेशिका वैशाली मदारे ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी।
तत्पश्चात, 'दिल ढूंढता है फिर वही' के सुमधुर नग़्मों को यशवंत गायकवाड ने 'मुसाफिर हूं यारों', 'बेकरार करके हमें', नरेश कावले ने 'आज कल याद कुछ औऔर', 'मेरी मोहब्बत जवां रही है', दीपक दूधमोगरे ने 'खुदा भी आसमां से', 'वादियां मेरा दामन',
नंदकिशोर मूले ने 'मैं कोई ऐसा गीत गाऊं', 'मैं जिंदगी का साथ निभाता', विरेश सोलंके ने 'नज़र बचाकर चले गए हैं', 'जो बात है तुझ में है', सरिता गडकरी ने 'मैं तो तुम संग नैन मिलाकर', 'दिल तो है दिल', नूतन सिंह छाडी में 'आपके पहलू में आकर', 'जब याद की बदली आती है',
सी.वाय.रायपुरे ने 'ये नयन डरे डरे ', 'दिल ढूंढता है', वंसमोर गीत के साथ वंशिका नाईक ने 'बिछड़े अभी तो हम, साक्षी राउत ने 'यह रात भीगी भीगी' और कार्यक्रम का शीर्षक गीत के साथ वैशाली मदारे ने अन्य युगल गीतों को भी स्वर दिया।
जिसमें अन्य कलाकारों के साथ 'आशाओं के सावन में', 'देखो कसम से', 'कितनी खूबसूरत यह तस्वीर है', 'चाहे लाख तूफां आए' गाकर समा बांध दिया। कार्यक्रम का शानदार संचालन नंदकिशोर मूले ने किया। संकल्पना एवं सहयोग राज चौधरी ने किया। तथा, ध्वनी प्रक्षेपण विनोद पांडे, गुणवंता शेळके ने संभाला।
कार्यक्रम में प्रमुखता के साथ अनिपिंडी शर्मा, पंकज जोशी, राहुल गुप्ता, नर्मदा जी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की निदेशका वैशाली मदारे ने सभी दर्शकों और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया।