अच्छे स्वास्थ्य के लिए बदले अपनी दिनचर्या : दीपक लालवानी
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प्रसिद्ध समाजसेवी दीपक लालवानी ने बताया की जीवन में हर मनुष्य को अपने अपने शारीरिक श्रम वाले कार्य करते रहना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहेगा।
इस भाग दौड़ भरी जिंदगी के कारण आज 35 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को ब्लडप्रेशर, मधुमेह, घुटनों के दर्द, कोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड जैसी बीमारियां घेर लेती हैं जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ हमारी दिनचर्या (लाइफ स्टाइल) है।
इसी दिनचर्या में यदि 2 घण्टे घर की सफाई की जाये तो 320 कैलोरी खर्च होती हैं, 45 मिनट बगीचे में काम करने से 170 कैलोरी खर्च होती हैं, एक गाड़ी की सफाई करने में 67 कैलोरी खर्च होती है, खिड़की दरवाजो को पोंछने से कंधे, हाथ, पीठ व पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, आटा गूंधने से हाथों में आर्थ्राइटिस नही आता। कपड़े निचोड़ने से कलाई व हाथ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, 20 मिनट तक रोटियां बेलने से फ्रोजन शोल्डर होने की संभावना कम हो जाती है, ज़मीन पर बैठकर काम करने से घुटने जल्दी खराब नही होते।
लेकिन हम इन सबकी ज़िम्मेदारी नौकर पर छोड़कर खुद डॉक्टरों से दोस्ती कर लेते हैँ। फिर शुरू होती है खाने मे परहेज़, टहलना, जिम, या फिर सर्जरी!! कितना आसान है इन सबसे पीछा छुड़ाना कि हम अपने घर के काम खुद करें और स्वस्थ रहे। किसी भी तरह की निर्भरता कष्ट का कारण होती है फिर वो चाहे शारीरिक हो, भौतिक हो या मानसिक। अपने काम दूसरों से करवा करवा कर हम स्वयं को मानसिक व शारीरिक रूप से पंगु बना लेते हैं और नौकर ना होने के स्थिति में असहाय महसूस करते हैं यह एक दुखद स्थिति है।
यदि हम काम को बोझ ना समझ के उसका आंनद ले तो वो बोझ नही बल्कि एक दिलचस्प एक्टिविटी लगेगा। जिम की बजाय आप अपने घर को रगड़ कर साफ करते हैं तो शरीर से एंडोर्फिन हारमोन निकलता है जो आपको अपनी मेहनत का फल देखकर खुशी की अनुभूति देता है। अच्छा खाना बनाकर दूसरों को खिलाने से सेरोटॉनिन हार्मोन निकलता है जो तनाव दूर करता है।
जब खुद के घर का काम करने के इतने फायदे हैं तो फिर ऐसे मौके क्यों छोड़े जायें! हम अपना काम स्वयं करके ना सिर्फ शरीर बचाते है बल्कि पैसे भी बचाते हैं और निर्भरता से बचते हैं। इसीलिए हमें अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपनी दिनचर्या बदलने की नितांत आवश्यकता है।