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विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष में ज्येष्ठजनों का रोगनिदान शिबिर संपन्न


 
ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान एवं संजीवन निसर्गोपचार केंद्र का उपक्रम
 
नागपुर। डाक्टर की सलाह के बिना कोई भी दर्द नाशक दवाई या गोलियों का सेवन नागरिक स्वयं अपने मन से ना करें, ऐसी सलाह एसियन हाॅस्पिटल और मेडिकल सेंटर के संचालक डॉ राहूल चौबे ने दी. अपने मन से दवाईयों का सेवन किडनी तथा हृदय के लिये खतरनाक हो सकता है, ऐसा भी डॉ चौबे ने आगे कहा है. 

ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान तथा संजीवन निसर्गोपचार केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में और एसियन हाॅस्पिटल के सौजन्य से 10 मार्च विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष ज्येष्ठ नागरिकों के लिये रोग निदान शिबिर का आयोजन किया गया था. जिसका समापन करते हुये प्रमुख अतिथी के रूप में डाॅ राहूल चौबे बोल रहे थे. इस अवसर पर संजीवन निसर्गोपचार केंद्र के संचालक डॉ संजय उगेमुगे, ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान के सचिव डॉ राजू मिश्रा तथा एसियन हाॅस्पिटल की डाॅ हिना चौबे मंच पर उपस्थित थे. 

शिबीर में ज्येष्ठ नागरिकोंकी किडनी तथा हृदय रोग संबधीत अनेक टेस्ट तथा जांच निःशुल्क की गयी और उन्हे स्वास्थ्य संबंध में डॉक्टरों द्वारा परामर्श दिया गया. शिबीर का ही एक भाग में उपस्थित नागरिकों को अंग दान के संबंध में जानकारी दी गयी और अंग दान हेतू लोग स्वयं सामने आयें ऐसा आवाहन डाॅक्टरों द्वारा किया गया.

प्रारंभ में संजीवन केन्द्र के डॉ मांधाता विश्वकर्मा ने अतिथीयों का स्वागत किया. संजीवन निसर्गोपचार केंद्र के संचालक डॉ संजय उगेमुगे ने इस अवसर पर प्रास्ताविक तथा ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान के सचिव डॉ राजू मिश्रा ने समारोपीय भाषण किया. आभार प्रदर्शन दिपक शेंडेकर ने किया.

शिबीर की सफलता हेतू ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान समन्वय समिती के सदस्य सर्वश्री नारायण समर्थ, गोविंद पटेल, अरूण भुरे, विजय बावणकर, मिलिंद वाचणेकर, हिम्मत जोशी, अंगद सोलंकी, बिपीन तिवारी, वासुदेवसिंग निकुंब, दिलीप कातरकर, मधुकर दहिकर, सुनील अडबे, अनिल पात्रिकर, श्रीमती राजवंती देवडे, माधुरी पाखमोडे, पुष्पाताई देशमुख, किरण मोहिते आणि संजीवन नॅचरोपॅथी केन्द्र की टीम ने प्रयास किया.
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