'अवसाद' से ग्रसित व्यक्ति को विश्वास में लेकर हिम्मत दे : डॉ. सुधीर भावे
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नागपुर। अवसाद दो तरह का होता है, एक मेजर और दूसरा माइनर। अवसाद को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और नाही इसे नकारा जा सकता है। अवसाद या डिप्रेशन कमजोर दिल वालों को होता है यह धारणा गलत है। कमजोर दिल वाले से इसका कोई लेना देना नहीं है, अवसाद एक पक्की बीमारी है। इसके निदान के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए, यह कहना है शहर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. सुधीर भावे वे मंगलवार को ध्रुवी वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से वसंतराव देशपांडे सभागृह में डिप्रेशन विषय आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। परिचर्चा का आयोजन स्वाति सिंह ने किया था।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध सूफी गायक नरेंद्र पाल सिंह (निंदर) ने सुफी संगीत की शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव संदेश सिंगलकर ने की।
डॉ. भावे ने कहां की यह एक गंभीर समस्या है, अवसाद से ग्रसित व्यक्ति को विश्वास में लेकर उसकी पीठ पर हाथ फेरना चाहिए। इसलिए उसे अपनेपन का असर होता है ऐसा करने से मरीज को अवसाद से बाहर आने में मदद होती है।
प्रसिद्ध एक्यूप्रेशर पराग कुलकर्णी, प्राकृतिक चिकित्सक और योगगुरु संदीप पाध्ये, कांऊसलर, अतुल राजोरिया ने भी अपने विचार रखे।
पराग कुलकर्णी ने बताया कि डिप्रेशन में बॉडी और मस्तीस्क दोनों को प्रखर होना जरूरी है। यदि दोनों प्रखर रहते हैं तो डिप्रेशन नहीं होगा।
डॉक्टर पाध्ये ने आगे कहा कि, डिप्रेशन के मरीज को बाहर लाने में योग और प्राकृतिक चिकित्सा रामबाण साबित हो सकती है। अतुल राजोरिया ने कहा कि यदि सकारात्मक सोच रही तो और दिनचर्या में बदलाव होता रहा तो अवसाद से बाहर निकला जा सकता है।
इसके पहले प्रस्तावना रखते हुए संयोजक स्वाति सिंग ने अपने अनुभव ताजा करते हुए कहा कि आज कल से टीन एजेंर्स बच्चे डिप्रेशन का शिकार होते हुए आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं। जो चिंताजनक है। उन्हें उसके बाहर निकालने की जरूरत है। सूफी गायक निंदरसिंह ने अपने साथी कलाकारों के साथ 'मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है। करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है'.. जैसे भजन और 'यह जो हल्का हल्का सुरूर है यह तेरी नजर का कसूर है'.. जैसी ग़ज़ल गाकर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में अशोक सारसवार, विजय सारसवार, विजय प्रभा, दक्ष सारसवार, शौर्य सारसवार, सीमा सारसवार, प्रज्ञा सारसवार, पद्मनी चौहान, अमोल चौहान, राजू मिश्रा, विनय सारसवार, पल्लवी गौतम, बबलू गौतम, ज्योति गोयल, अनुराधा शितवाल, मोना मयार, मिक्की गहलोद आदि उपस्थित थे।