मुश्किल जीवन जी रहे ज्येष्ठ नागरिकों को मदद करें सरकार : डाॅ. राजू मिश्रा
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नागपुर। दिक्कतों का सामना कर गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रहे ज्येष्ठ नागरिकों को सरकार ने सहयोग करना चाहिए. ताकि उनका जीना आसान हो। साथ ही उनके जीवन में खुशियां आएं, वे आसानी से जिंदगी जी सकें ऐसी कुछ योजनाएं सरकार द्वारा बनाए जाने की मांग ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान के सचिव डॉ राजू मिश्रा ने सरकार से की है।
ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान समन्वय समिति के तत्वावधान में दोन दिवसीय निवासी चिंतन शिबिर के समापन अवसर पर उपरोक्त विचार डॉ. राजू मिश्रा ने व्यक्त किए।
वे आमगाव देवळी स्थित संजीवन वृध्दाश्रम में आयोजित शिबिर में बोल रहे थे। डाॅ. मिश्रा ने आगे कहा कि, आज समाज में अनेक ज्येष्ठ नागरिक बहुत ही दयनीय अवस्था में अपना जीवनयापन कर रहे हैं। उनका कोई हमदर्द नहीं है , मददगार नहीं है।
याद रहे कि कोई एक सेवाभावी संस्था या कई संस्थाएं मिलकर भी समाज के ऐसे जरूरतमंद ज्येष्ठ नागरिकों को न्याय नहीं दिला सकते। समाज के पीड़ित ज्येष्ठ नागरिकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए केवल सरकार ही ज्येष्ठों को इस समस्या से उबार सकती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह उदारता अपनाकर ज्येष्ठाें की हरसंभव मदद करें।
शिविर में विभिन्न स्तर तथा वर्ग के ज्येष्ठ नागरिकों कि समस्याओं पर भी चर्चा की गई। साथ ही इन समस्याओं को दूर करने के उपायों को ध्यान में रखकर उनके लिए कुछ कार्यक्रम निश्चित किये गये. उसी प्रकार कुछ प्रस्ताव भी पारित किए गए।
शिविर के दूसरे दिन संजीवन निसर्गोपचार केंद्र के संचालक डॉ. संजय उगेमुगे के माध्यम से उपस्थित सदस्यों ने विविध प्रकार के निसर्गोपचार का लाभ उठाया। इस समय उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की जांच की गई। मसाज, स्टीमबाथ, वाटर थेरपी, एनिमा, मडबाथ थेरपी आदि नैसर्गिक किए गए । घुटनों का दर्द, जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द आदि का भी ॲस्टोपॅथी तरीके से उपचार किया गया।
इससे पूर्व संजीवन निसर्गोपचार केन्द्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मांधता विश्वकर्मा ने ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान समन्वय समिति के सदस्यों का स्वागत किया गया। संजीवन निसर्गोपचार व योगा केंद्रा के संचालक डॉ. संजय उगेमुगे ने निसर्गोपचार एवं स्वास्थ्य विषयक जानकारी दी।
ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान के सचिव डॉ. राजू मिश्रा ने कहा की ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान की ओर से ज्येष्ठ नागरिकों की जरूरत को ध्यान में रखकर समय समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है जिसका लाभ ज्येष्ठ नागरिक उठाते रहते हैं। संजीवन निसर्गोपचार केन्द्र के सभी थेरेपिस्ट व कर्मचारियों का आभार डॉ.मिश्रा ने माना।
इस दो दिवसीय दिवसीय शिविर में अरूण भुरे, अनिल पात्रिकर, विजय बावणकर, दीपक शेंडेकर, डाॅ मिलींद वाचनेकर, मधुकर दहीकर, दिलीप कातरकर, सुनील अडबे, हिम्मत जोशी, वासुदेव सिंग निकुंब, बिपीन तिवारी, अंगदसिंग सोलंकी, गोविंद पटेल, नारायणराव समर्थ, राजवंती देवडे, पुष्पाताई देशमुख, ॲड. किरण मोहिते, माधुरी पाखमोडे सहित लगभग 40 सदस्य उपस्थित थे।