'उभरते सितारे' में 'तनाव मुक्त रहें'
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित सदाबहार उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'तनाव मुक्त रहें', विषय पर मनोरंजन और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें, प्रो. डॉ. अशोक कुमार भट्टाचार्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इनका स्वागत संयोजक युवराज चौधरी ने किया।
अपने संबोधन डॉ. अशोक कुमार भट्टाचार्य ने तनाव मुक्त रहने के लिए प्रसन्नता, एकाग्रता, लगातार प्रयास, समय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। तथा, आवश्यकता से अधिक किसी भी गैजेट्स पर ज्यादा समय ना बिताएं और खुलकर जीने का आनंद लें। चाहें तो नृत्य करें, संगीत सुने या माता-पिता के साथ थोड़ा समय बिताएं।
और इस तरह, अपने को तनाव से दूर रहने का प्रयास करें, यही बच्चों को छोटे छोटे उदाहरणों द्वारा समझाया। कार्यक्रम में 'तनावमुक्त रहें' विषय पर सह संयोजिका वैशाली मदारे ने शुरुआत में प्रस्तावना रखीं।
तत्पश्चात, बच्चों ने सदाबहार नृत्य, गीत और मिमिक्री से समां बांध दिया। जिसमें, नव्या सुनील तांडेकर, आयुष धनराज सुरंगें, अर्चिता शर्मा, तन्वी बेंदेवार, मुग्धा खडसे, अनमोल हर्षल कोरमकर, संपूर्णा रेमंडल, एशिता वानखेडे ने शानदार नृत्य किया। अनुष्का फुलझेले, भव्या अरोरा ने सुंदर गीत सुनाए। आर्य संदीप भोंगाडे ने अपने मिमिक्री से सबको बहुत हंसाया।
बच्चों की कलात्मक सृजनता को कविता ढवळे, मीनाक्षी केसरवानी, लीला पवार, नंदिनी सुदामल्ला, मोनिका विकास रेमंडल, आशा वेदप्रकाश अरोरा, रंजना माकोने, कविता बुरडे, टीना पंकज शर्मा, उषा किशोर वानखेडे आदि ने बहुत सराहा।
कार्यक्रम में गुणवंता शेळके ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, सभी उपस्थित सुधिजनों, कलाकारों और दर्शकों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।