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हिन्दी विभाग में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सम्पन्न



नागपुर। हिन्दी विभाग, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. एकादशी जैतवार ने कहा कि नारी स्वतंत्रता नहीं, स्वाधिकार की आकांक्षी रही है। नारी शक्ति है, उसकी शक्ति को जिस समाज ने पहचाना है, उसने तरक्की की नई इबारत लिखी है। जिस समाज में नारी के अस्तित्व को,  महत्व को नकारा गया, वह समाज कभी आदर्श नहीं बन सका। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हमें नागरिकता बोध कराता है। स्त्री की अस्मिता , उसकी महत्ता का प्रतिपादन हर जागरूक समाज का दायित्व है। 

समाज के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए स्त्री शक्ति के महत्व को समझना होगा। डॉ. लखेश्वर चंद्रवंशी ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि नारी की भारतीय समाज में पूजनीय भूमिका रही है। भारतीय समाज नारी को शक्ति के रूप में देखता रहा है। डॉ. सुमित सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि नारी की गरिमा को स्वीकार करने के बावजूद यह कहना होगा कि वह तमाम सामाजिक विसंगतियों की शिकार रही है। 

डॉ. कुंजन लाल लिल्हारे ने कहा कि नारी का सम्मान मानवता का सम्मान है। इस अवसर पर विभाग की छात्राओं प्रिया डे, हर्षा चडार, उर्वशी वैश, मृणालिनी तिवारी, अंकिता गायधने, निकिता दाहिर, शालिनी तिवारी के साथ मुख्तार अहमद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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