पुरातत्व संग्रहालय में मनाया विश्व गौरैया एवं वीरांगना रानी अवंतीबाई बलिदान दिवस
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नागपुर/बालाघाट। इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी विश्व गौरैया दिवस तथा वीरांगना रानी अवंती बाई बलिदान दिवस पर सोमवार, 20 मार्च को पुरातत्व संग्रहालय परिसर में संगोष्ठी संग्रहाध्यक्ष आचार्य डाॅ. वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
उक्त अवसर पर आचार्य डाॅ. वीरेन्द्र सिंह गहरवार 'वीर' ने कहा कि प्रति वर्ष गौरया पक्षियों की संख्या विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं, ॠतु परिवर्तित के परिदृश्य में विलोपित होते जा रही हैं, पूर्व में प्रातः काल पक्षियों की चखक और सायं काल में आकाश मार्ग से अपने गंतव्य की ओर अग्रसर होते रहते थे, वह दृश्य अनौखा ही होता था,
वर्तमान परिवेश में अब आकाश की ओर देखना दुर्लभ हो गया है। तदोपरान्त वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए पुरातत्व संग्रहालय के वृक्षों पर पक्षियों के लिए जल प्रपात तथा दाना दोना बांध कर उन्हें आमंत्रित किया।
इसी श्रृंखला में रामगढ़ की ऐतिहासिक प्राचीनतम वीरांगना रानी अवंती बाई के बलिदान को याद करते हुए, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर आचार्य डाॅ. कविता गहरवार, अखिलेश कुमार पटले, मनीष इनवाती, शुभम् बोपचे सहित आदि उपस्थित होकर अपने - अपने विचारों से वशीभूत होकर गणमान्यजनों को अवगत कराया।