यशवंतराव के विचारों की आज नितांत आवश्यकता है : श्रीपाद अपराजित
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नागपुर/हिंगना। विद्यालयी जीवन से ही समाज के हर तत्व को विकसित करने की दृष्टि रखने वाले यशवंतराव चव्हाण के ये विचार भौतिक विकास के साथ-साथ विकास के साधनों को संतुलित करते हुए, स्कूली जीवन से लेकर सामाजिक जीवन में रहते हुए क्या कहना है और कहा क्या नही ऐसे यशवंतराव चव्हाण की विचारो की आज बहोत जरूरत है ऐसा प्रतिपादन यशवंतराव चव्हाण जयंती के अवसर पर सेंड पॉल विद्यालय में यशवंतराव चव्हाण की उपलब्धियों पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में निवासी संपादक श्रीपाद अपराजित ने किया। यह कार्यक्रम यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान जिला केंद्र नागपुर द्वारा आयोजित किया गया।
आगे बोलते हुए, अपराजित ने यशवंतराव चव्हाण के बहुमुखी व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं का खुलासा किया और उन्हें श्रोताओं के सामने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता यशवंतराव चव्हाण विभागीय केंद्र के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. गिरीश गांधी मौजूद रहे जबकि मुख्य रूप से पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग मौजूद थे।
इस समय सेंट पॉल स्कुल के संचालक राजाभाऊ टाकसांडे, राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष के जिल्हा कार्याध्यक्ष राजू राऊत, राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष महिला जिल्हाध्यक्ष अर्चना हरडे, सुरेंद्र मोरे, संतोष नरवाडे, प्रेम लुनावत, श्रीराम काळे, प्रकाश इटनकर, रवींद्र देशमुख, डॉ अनुजा नारनवरे, अनिल इदाणे, उल्लास मोगलेवार, निलेश खांडेकर, नीला निकम, शेल जैमिनि, रूपा मोरे आदि मौजूद थे।
अध्यक्ष भाषण में डॉ. गिरीश गांधी ने यशवंतराव चव्हाण के जीवनपर बड़े बारीकी से प्रकाश डालकर इनके परिवारिवारिक मन को श्रोताओं के सामने रखा।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक यशवंतराव प्रतिष्ठान जिल्हा केंद्र नागपूरके अध्यक्ष महेश बंग ने किया, सूत्रसंचालन डॉ. मंजुषा सावरकर ने तथा आभार डॉ. कोमल ठाकरे ने किया।