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'उर्दू भाषा और कहानी साहित्य' पर आयोजित विशिष्ट व्याख्यान


नागपुर। राष्ट्रसंत टुकड़ोंजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में 27 मार्च सोमवार सुबह 11:30 बजे सह- अभ्यासक्रम गतिविधियों के अंतर्गत विशिष्ट व्याख्यान 'उर्दू भाषा और कहानी साहित्य' का ऑनलाइन वेबीनार गूगल मीट द्वारा आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम की रूपरेखा के अंतर्गत कार्यक्रम का आरंभ विश्वविद्यालय गीत से किया गया। प्रस्तावित एवं आरंभ भाषण डॉ समीर कबीर ने दिया। डॉ समीर कबीर ने अपने भाषण में लोक कथा के आरंभ से समकालीन कहानी तक प्रकाश डाला। 

प्रमुख अतिथि वक्ता के रूप में डॉ जीनत उल्ला जावेद (पूर्व विभाग प्रमुख NMSK इंस्टिट्यूट ऑफ पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला मलीरकोटला पंजाब) उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि लोक कथाएं हमारे जीवन में सदियों से रची बसी है। यह लोक कथाएं आदम के युग से हमारे भीतर रची बसी है। 

अतिथि वक्ता के रूप में मोहम्मद याहया जमील (प्राध्यापक एवं पर्शियन विभाग प्रमुख श्रीमती केसरबाई लाहोती महाविद्यालय अमरावती) उपस्थित थे। वर्तमान समय में उर्दू लोक साहित्य की उत्पत्ति और आधुनिक साहित्य की रचना पर विस्तार से विश्लेषण किया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष व समन्वयक उर्दू विभाग प्रमुख डॉ संतोष गिरहे ने कहा हिंदी और उर्दू उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली दो मुख्य भाषाएं हैं। दोनों की समान शब्दावली भी बहुत सीमा तक समान है। 

कार्यक्रम का संचालन गुलफेशा अंजुम ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ शाइस्ता तबस्सुम ने किया। संयोजक एवं संचालन के रूप में डॉ समीर कबीर उपस्थित थे। उर्दू विभाग के सभी प्राध्यापक डॉ सबीहा खुर्शीद, डॉ सुमैया अफशा, डॉ तरन्नुम नियाज, डॉ मेहर यासमीन, सना बानो एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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