भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान एवं स्थान
- लेखक : अभिषेक राय (भोपाल, मध्यप्रदेश)
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ करीब 70% जनसंख्या कृषि से जुड़ी हुई है। वर्तमान में, भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व बढ़ता जा रहा है और कृषि से जुड़ी समस्याओं को हल करना जरूरी होता जा रहा है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम भारत की कृषि समस्याओं को समझें और उन्हें हल करने के लिए नए उपाय तलाशें।
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। भारत की जनसंख्या का लगभग 60% कृषि आधारित होती है जो देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि उत्पादन के माध्यम से, भारत विभिन्न खाद्य और नाभिकीय उत्पादों का उत्पादन करता है जो देश की खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
इसके साथ ही, भारत कृषि उत्पादों का निर्यात भी करता है, जो विदेशों में देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कृषि सेक्टर भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह देश के अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र से उत्पादित सामग्री खाद्य प्रसंस्करण, कपास उद्योग, मशरूम उद्योग, फल और सब्जियों का उद्योग, बिजली उत्पादन आदि जैसे क्षेत्रों में भी उपयोग किया जाता है।
इसलिए, कृषि सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह देश की खाद्य सुरक्षा, जीवनाधार के लिए आवश्यक खाद्य उत्पादों का उत्पादन, निर्यात उद्योग के लिए माल की आपूर्ति, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, और क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, सरकार कृषि सेक्टर के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है जो किसानों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों की पहुंच प्रदान करती हैं।
अधिकतर कृषि उत्पाद जैसे चावल, गेहूँ, दाल, मकई, और लच्छा कपास, सरसों आदि देश के विभिन्न हिस्सों में उत्पादित होते हैं। कुछ अन्य खेती की जाने वाली फसलें हैं जैसे फल, सब्जियां, चाय, कॉफ़ी, मक्खन, अनाज, उबला हुआ चावल, दूध और उत्पादों के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली मसाले जैसे जीरा, धनिया, लहसुन आदि।
आप को बताते चलें की इसके अलावा, कृषि सेक्टर भारत में कुछ विशेष फसलों के लिए विशेष महत्व रखता है। उनमें से कुछ हैं:-
चाय: भारत दुनिया में सबसे बड़ा चाय उत्पादक है। चाय के उत्पादन से लगभग 1.5 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त करते हैं।
कपास: भारत दुनिया में सबसे बड़ा कपास उत्पादक है। कपास का उत्पादन देश के कुछ हिस्सों में अधिक होता है, जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान आदि।
दाल: भारत दुनिया में सबसे बड़ा दाल उत्पादक है। अन्य देशों की तुलना में, भारत अधिक मात्रा में दाल उत्पादित करता है।
सरसों: सरसों भारत में बहुत ज्यादा खेती की जाती है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा सरसों उत्पादक है।
इसलिए, कृषि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण सेक्टर है और इसके विकास को सरकार अपनी प्राथमिकता मानती है। उच्च उत्पादकता और बेहत उच्च उत्पादकता और बेहतर बिक्री मूल्य द्वारा, कृषि सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।
आप को बता दे कि कृषि सेक्टर के विकास से कुछ महत्वपूर्ण लाभ होते हैं, जैसे कि:
रोजगार: कृषि सेक्टर भारत में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इसके अलावा, कृषि उत्पादों के उद्योग भी लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं।
विदेशी वाणिज्य: भारत दुनिया में कई अन्य देशों के लिए खेती उत्पादों का एक महत्वपूर्ण आपूर्ति बाजार है। इससे भारत को विदेशी वाणिज्य का लाभ होता है।
जीवनाधार: कृषि भारतीय जनता के लिए एक महत्वपूर्ण जीवनाधार है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से लोग कृषि से जुड़े हुए हैं। आय: कृषि सेक्टर से संबंधित उद्योगों के विकास से बहुत से लोग अपनी आमदनी बढ़ाते हैं।
वित्तीय निवेश: कृषि सेक्टर में निवेश के माध्यम से उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। स्वतंत्र उत्पादक जो अधिक उत्पादन और लाभ के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करते हैं, वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं।
आप को बता दे कृषि क्षेत्र देश की जीडीपी में अपनी अहम स्थान रखता है, कृषि उत्पादन और कृषि संबंधित उद्योग भी देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत में कृषि सेक्टर की भागीदारी भी अहम है और इसका योगदान जीडीपी में लगभग 16-17 प्रतिशत होता है। इसलिए, कृषि सेक्टर के विकास और उन्नयन से देश की अर्थव्यवस्था कृषि सेक्टर के विकास और उन्नयन से देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव होता है। कृषि सेक्टर का समृद्ध होना देश की गरीब जनता के लिए आवश्यक है। कृषि उत्पादन की वृद्धि से किसानों को अधिक मूल्य मिलने लगता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
इससे उन्हें अधिक खर्च करने वाली क्षमता मिलती है और वे शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के लिए अधिक बचत कर पाते हैं।
कृषि सेक्टर का विकास देश के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार का निर्माण करता है। कृषि सेक्टर में काम करने वाले लोगों के अलावा भी इस सेक्टर से संबंधित उद्योगों में भी रोजगार के अवसर होते हैं। इसके अलावा, कृषि सेक्टर की वृद्धि से अन्य सेक्टरों की वृद्धि में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कृषि सेक्टर से प्राप्त उत्पादों का उपयोग खाद्य उद्योग, फसल संचयन, फसल बीज उत्पादन, पशु चिकित्सा, पशु आहार, लकड़ी उत्पादन और विभिन्न वाणिज्यिक उत्पादों में किया जाता है। इससे उन सभी क्षेत्रों में निवेश बढ़ता है और इससे अन्य सेक्टरों में रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि सेक्टर का योगदान बहुत अहम है। इस सेक्टर के विकास से देश की ग्रामीण क्षेत्रों में विकास होता है और देश की आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास भी होता है।
भारत में कृषि उत्पादन के आंकड़े पिछले 5 वर्षों में निम्नलिखित हैं:-
वित्त वर्ष 2020-21 में कुल फसल उत्पादन 305.43 मिलियन टन था, जो 2019-20 के मुकाबले 3.05% अधिक था। वित्त वर्ष 2019-20 में कुल फसल उत्पादन 296.65 मिलियन टन था, जो 2018-19 के मुकाबले 2.36% अधिक था।
वित्त वर्ष 2018-19 में कुल फसल उत्पादन 289.85 मिलियन टन था, जो 2017-18 के मुकाबले 0.46% अधिक था। वित्त वर्ष 2017-18 में कुल फसल उत्पादन 288.95 मिलियन टन था, जो 2016-17 के मुकाबले 3.71% अधिक था। वित्त वर्ष 2016-17 में कुल फसल उत्पादन 278.38 मिलियन टन था।
इन आंकड़ों से पाया जा सकता है कि भारत में कृषि उत्पादन का स्तर वर्षों के साथ साथ बढ़ता जा रहा है। और साथ ही रोजगार के नए नए रास्ते खोज रहा है।
भारत में कृषि खेती देश की आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण खेती है। इसके अलावा, यह देश के करीब 70% आबादी को रोजगार प्रदान करती है। कृषि उत्पादन का स्तर पिछले कुछ वर्षों में बढ़ता आ रहा है, जो देश की अर्थव्यवस्था में भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से कुछ उदाहरण हैं फसल बीमा योजना, कृषि सुधार योजना, और कृषि उत्पादों की निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं।