समाज को नशा-मुक्त करने के लिए प्रयास होनेे चाहिए : माधवदास ममतानी
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नागपुर। 'नशे की बढ़ती हुई प्रवृत्ति ने समाज में कई विकृतियां पैदा कर दी है और यदि समाज को उत्तम स्वरूप प्रदान करना है तो समाज को नशा मुक्त करने के लिए सभी ने हर संभव प्रयास करने चाहिए।'
ये विचार थे गुरुवाणी के प्रवचनकार व श्री कलगीधर सत्संग मंडल के संयोजक श्री माधवदास ममतानी 'वकील साहिब' के जो उन्होंने विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के कार्यक्रम 'संवाद' में साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला से खुलकर बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने प्रतिपादित किया कि युवाओं को जीवन जीने का सही मार्गदर्शन व सदविचारों से परिचित कराने के लिए उन्हें सत्संग - कीर्तन तथा ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ा जाना जरूरी है जहां उन्हें सात्विक विचारों की प्रेरणा मिल सके।
शादी-विवाह सहित धार्मिक तथा अन्य कार्यक्रमों पर जो बेतहाशा खर्च किया जाता है उससे बचने की सलाह देते हुए वकील साहिब ने कहा कि अनावश्यक बातों या दिखावे पर खर्च करने की बजाय बेहतर होगा कि उन संसाधनों से जरूरतमंद लोगों की सहायता की जाए।
श्री गुरु नानक देव जी की पावन परंपराओं से लेकर सिंधी समाज के वर्तमान संदर्भों का उल्लेख करते हुए उन्होंने श्री कलगीधर सत्संग मंडल के मानवता के प्रति समर्पित उद्देश्यों और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए सभी को मानव मात्र के प्रति सेवाभाव का संदेश दिया। श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों और जिज्ञासाओं का वकील साहिब ने बड़ी रोचकता के साथ समाधान किया।
सुसंयोग कि आज ममतानी जी का जन्मदिन भी था। प्रशंसकों और अनुयायियों से खचाखच भरे हाल में संपूर्ण श्रद्धा और उल्लास के साथ उनका जन्मदिन मनाया गया और उनके दीर्घायु होने की कामना की गई। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।