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127 वर्षीय स्वामी सर्वानंदजी सरस्वती का 15 से ऋषिबोधोत्सव कार्यक्रम



नागपुर। आर्य समाज जरीपटका में स्वामी सर्वानंदजी सरस्वती उम्र 127 वर्ष का आगमन हुआ है, वे लुधियाना, हरियाणा के मूल निवासी है। उनका जन्म 1896 में हरियाणा स्तिथ लुधियाना में हुआ है।

वे महाऋषि स्वामी दयानंद सरस्वती की विचार धारा से प्रभावित होकर आर्य समाज का प्रचार देश विदेश में आज तक कर रहे है। 
स्वामी सर्वानंदजी सरस्वती 10 वर्ष की उम्र से अन्न ग्रहण नहीं करते है वे आज भी दिन में दो बार दोपहर 12 बजे और शाम को 7 बजे उबली हुई हरी सब्जियां बिना नमक ,फल, और दूध बिना शक्कर के ग्रहण करते है। 

उन्होनें ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान भारत को आजादी दिलाने के लिए कई बार आंदोलन किये। स्वामीजी को महात्मा गांधी,सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल लाजपतराय, सुभाषचंद्र बोस आदि से काम करने के अवसर प्राप्त हुए। स्वामीजी आज भी दिन में दो बार ठंडे पानी से नहाते है वे बिना चश्मे के समाचार पत्र और किताबें पढ़ते है। उनके बाल आज भी काले है। उन्हें 20 भाषाओं का ज्ञान है वे 20 भाषाएं बोल और लिख सकते है।

स्वामी सर्वानंदजी सरस्वती का जारिपटका आर्य समाज मे बुधवार दी 15 फरवरी से 17 फरवरी तक सुबह 08 से 10 बजे तक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम का लाभ नागपुर की जनता ने बड़ी संख्या में लेना चाहिये। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सुरेन्द्रपाल आर्य,वेदप्रकाश आर्य,राजेश लालवानी,भुषण खूबचंदानी,आदि प्रयासरत है।
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