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अधिकारों और कर्तव्यों में संतुलन बनाएं महिलाएं : स्मिता सरोदे - सिंगलकर


यशवंतराव चव्हाण फाउंडेशन द्वारा हिंगना में मकर संक्रांति के अवसर पर व्याख्यान
 
नागपुर/हिंगना। कई बार महिलाओं को एक वस्तु की तरह इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और उनकीही गलती निकालने की कोशिश की जाती है। महिलाओं की उपेक्षा की जाती है, महिलाओं को परिवार और समाज के सम्मान की रक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। 

कई बार महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों से समझौता किया जाता है। ऐसे कई सवालों का सामना महिलाओं को करना पड़ता है, न्याय पाने के लिए महिलाओं को खुद का साहस जुटाना और दस्तावेजों के हथियारों से लड़ना जरूरी है। 

साथ ही महिलाओं को अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी जानते हुए काम करने की जरूरत है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एड. स्मिता सरोदे- सिंगलकर ने कहा।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में एड. स्मिता सरोदे - सिंगलकर, वनराई के अध्यक्ष विशेष उपस्थिति के रूप में गिरीश गांधी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य के पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग ने की। 

मंच पर एनसीपी जिला कार्यकारी अध्यक्ष राजू राउत, जिला परिषद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता दिनेश बंग, प्रा. अरुणा सबाने, एनसीपी महिला जिला अध्यक्ष अर्चना हरडे, जिला परिषद सदस्य वृंदा नागपुरे, रश्मी कोटगुले, उपसभापती उमेश राजपूत, 

राजाभाऊ टाकसाडे, राजेश जयसवाल, संतोष नरवाड़े, सुरेंद्र मोरे, पी.एस. सदस्य सुनील बोंदाडे, अभय महांकाल, मंजूषा सावरकर, नीलेश खांडेकर, प्रेम लुनावत, प्रकाश इटनकर, रवींद्र देशमुख, फतेपुरिया आदि मौजूद रहे।

कार्यक्रम का परिचय एवं स्वागत भाषण यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान नागपुर केंद्र के अध्यक्ष महेश बंग, संचालन अरुणा बंग ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन रेखा घिये-दंडिगे ने किया। 

कार्यक्रम में हिंगाना तालुक की सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। यशवंतराव चव्हाण फाउंडेशन के सभी पदाधिकारियों और सहयोगियों ने सफलता के लिए कड़ी मेहनत की।
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