गाय के नन्हे बछड़े के मुंह में फंसे नायलॉन मांजे को निकालकर बचाया जीवन
समाज सेवा करने वाले प्राणी प्रेमियों की सच्ची संवेदनाएं देखकर जनमानस को मिली प्रेरणा
नागपुर। सक्करधरा में 22 जनवरी दोपहर दो बजे के आसपास राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण कार्यकर्ता एवं सामाजिक संगठनों किंग कोबरा आर्गेनाइजेशन यूथ फोर्स राष्ट्र निर्माण की और दो कदम नारी शक्ति एक सम्मान और पशु क्रूरता के ख़िलाफ़ जंग नागपुर महाराष्ट्र के संस्थापक अध्यक्ष अरविंद कुमार रतूड़ी को परिसर के दक्ष नागरिक सक्षम मासुरकर गौरव भोयर और वांढरे द्वारा फोन पर सूचना मिली कि सक्करधरा परिसर में एक छोटे से लावारिस गाय के बछड़े के मुंह में जानलेवा नॉयलॉन मांजा फंसा हुआ है।
रतूड़ी ने समय नष्ट न करते हुए घटना स्थल पर पहुंच कर छोटे बछड़े का निरीक्षण किया तो पाया कि मांजा घास या कुछ खाने पीने की चीज के साथ उसके मुंह से आधा पेट में पहुंच गया और कुछ हिस्सा मुंह के बाहर लटक रहा था और खींचने पर भी नहीं टूट रहा था। बछड़े को दर्द हो रहा था इस लिए वह काबू में नहीं आया और पूरे परिसर की गली गली में भागने लगा और उसकी जान बचाने हेतु रतूड़ी, मासुरकर, भोयर और वांढरे उसके पीछे पीछे घंटों तक भागते हुए उसे पकड़कर काबू करने की कोशिश करने लगे।लेकिन बहुत सारी गायों के झुंड ने रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें पैदा की और बछड़ा काफी घंटों की मेहनत के बाद भी काबू नहीं आया तो रतूड़ी ने एनएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करते हुए कोंडवाना विभाग की रेस्क्यू टीम और गाड़ी जल्दी से जल्दी भेजने की अपील की।
गाड़ी आने के बाद गायों का झुंड बछड़े के साथ गायब था और काफी घंटों तक खोजबीन के बाद भी बछड़ा नहीं मिला तो मजबूरन एनएमसी की रेस्क्यू टीम रेस्क्यू ऑपरेशन किए बगेर ही वापस चली गई और रतूड़ी तथा उनके सहयोगी शुभम पराले ने हिम्मत ना हारते हुए खोजबीन चालू रखी। और मेहनत रंग लाई तथा अंधेर में बछड़ा थकान, डर और दर्द से सहम कर चौक में पेड़ के नीचे बैठा था।
तभी काफी सावधानी और सतर्कता से उसे काबू करते हुए रतूड़ी और शुभम पराले ने दांतों और मुंह में फंसे मांजे को काटकर अलग किया मगर काफी हिस्सा इस जानलेवा मांजे का उसके पेट में पहुंच गया। लोगों की चंद पल की पंतग उड़ाने, उसे काटने की खुशियां इंसानों की ही नहीं बल्कि मासूम जीव जंतुओं, प्राणियों की जिंदगी को भी लहूलुहान करते हुए खतरे में डाल रही है।
रतूड़ी ने फिर से शहरवासियों से अपील की है कि अभी भी समय है, इस मौत के फंदे का वहिष्कार करो और इंसानों, प्राणियों, पंक्षीयो की जिंदगी का संरक्षण करें। इस तरह की समाज सेवा करने वाले प्राणी प्रेमियों की सच्ची संवेदनाएं देखकर जनमानस को भी मिलती है प्रेरणा।
उन्होंने बताया कि जहां भी आपको जानलेवा नॉयलॉन मांजा, कांच निर्मित मांजा गिरा, पड़ा या कहीं भी लटका मिले तो उसे निकालकर जला दे और शासन प्रशासन भी इस मांजे को जमा करके नष्ट करे और मदद के लिए संपर्क करें : ९०४९५५०८५, ९५०३०६९८६०