सोशल वर्क के लिए डॉ. रोटेले के अभूतपूर्व कार्य स्मरणीय रहेंगे : रामदास आठवले
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नागपुर। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा की सोशल वर्क के लिए डॉ. रोटेले के अभूतपूर्व कार्य सदा स्मरणीय रहेंगे। उन्होंने समाज को जोड़ने के लिए समाज कार्य के दो कॉलेज मेरे नाम से शुरू किए। वे एक अच्छे लेखक थे, उन्होंने डॉ. बाबा साहेब के ग्रंथ लिखकर साबित किया की वे उनके सच्चे अनुयाई थे। उन्होंने कहा कि अब इस विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डॉ. केदार सिंह रोटेले की है। उनमें भी उनके जैसे गुण हैं।
इस अवसर पर प्रसिद्ध विद्वान डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा की डॉ. रोटेले सहृदय मित्र थे। वे सरल ही नहीं, सहज और सुलभ थे। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के तत्वावधान में विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन, नागपुर में प्रख्यात शिक्षाविद् और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ चंदनसिंह रोटेले को याद करने के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजित 9 जनवरी को सुबह 10 बजे किया गया था।
सभा की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार रामदास आठवले ने की।
प्रमुख उपस्थिति दत्ता मेघे स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलगुरू डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा, विधायक (विधान सभा) डॉ. अभिजीत वंजारी, श्रीमंत राजे मुधोजी महाराज भोसले, नागपुर, आरपीए नेता भूपेश थुलकर, अंबेडकरी विचारक तथा राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. पूरनचंद्र मेश्राम, मुंबई से दयाल बहादुरे, आठवले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, चिमूर की संचालिका तथा पूर्व सीनेट सदस्य श्रीमती किरणताई चंदनसिंह रोटेले, रोटेल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, महाराष्ट्र के डायरेक्टर डॉ. केदार सिंह चंदनसिंह रोटेले, डायरेक्टर कु. काजोल चंदनसिंह रोटेले उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने पुष्प अर्पित करके डॉ. रोटेले को श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर दत्ता मेघे स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलगुरू डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा ने कहा की जो पैदा होता है वह मृत्यु को प्राप्त होता है। इस सत्य के बावजूद मन, इंद्रिय, वचन के कर्तव्य में मनुष्य लगा है।
भाई चंदन सिंह के शैक्षणिक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य स्मरणीय रहेंगे। शिक्षा शेरनी का दूध है, जो ग्रहण करेगा वो गुर्राएगा। उन्होंने कर्तव्यबोध के साथ कार्य किया। पुर्तता का प्रयोजन उन्होंने किया। सहृदय मित्र थे। चेहरे का भाव, अपना लेते थे, वैसे बन जाते थे, वे सरल ही नहीं सहज और सुलभ थे। सर्वप्रिय थे, उनमें दैवीय गुण थे। वे हंसते खेलते हमसे अलग हुए। उन्हे अदरंजली।
उन्होंने कहा की विशेष रूप से दलित समाज के प्रति अथक योगदान और समर्पण ने उन्हें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के आदर्शों का सच्चा उत्तराधिकारी बनाया है। डॉ. मिश्र ने कहा कि आठवले साहब और डॉ. रोटेले साहब सच्चे मित्र थे। उनके संपर्क में आने वाले प्रत्येक क्षेत्र में उन्होंने प्रगति की।
इस अवसर पर रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के डायरेक्टर डॉ. केदारसिंह रोटेले ने अपने उदबोधन में कहा की वे डॉ. रोटेले जी के सपनो और अधूरे कार्यों को पूर्ण करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। उनके स्थानिक से वैश्विक लक्ष्य और कार्यों को पूर्ण करने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
इस अवसर पर विधायक अभिजीत वंजारी ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं को मानने के बावजूद डॉ. रोटेले मेरे बहुत प्रिय मित्र थे। वह हमेशा बड़ी गर्मजोशी और जोश के साथ मिलते थे। उन्होंने सभी को भरोसा दिलाया कि वह हमेशा रोटेले परिवार के साथ सहयोग के लिए उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के सचिव राजन वाघमारे ने डॉ. रोटेले के साथ उनके अंतिम दिनों में साथ बिताए पलों को याद किया।
भूपेश थुलकर ने डॉ. रोटेले द्वारा स्वतंत्र समाज कार्य विद्यापीठ तथा सोशल वर्क काउंसिल के प्रयास को शुरू करने के योगदान को उजागर किया। उन्होंने कहा की वह हमेशा नए विचारों के लिए उत्साहित रहते थे। उन्होंने उनके काम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, मुंबई से आए दयाल बहादुरे ने कहा कि डॉ. रोटेले मिलनसार और स्नेही थे।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. पूरनचंद्र मेश्राम ने कहा कि डॉ. रोटेले ने कई लोगों को महाराष्ट्र में समाज कार्य कॉलेज शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि डॉ. रोटेले हमेशा खुश, अपनी दृष्टि में स्पष्ट, सुसंगत और प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने समाज कार्य परिषद की स्थापना और एक स्वतंत्र समाज कार्य विश्वविद्यालय के लिए अथक प्रयास किया।
भोंसले राज परिवार के वंशज नागपुर के महाराज श्रीमंत राजे मुधोजी महाराज भोंसले ने सामाजिक कार्य, खेल, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में उनकी रुचि के बारे में डॉ. रोटेले के बहुआयामी व्यक्तित्व को याद किया। उन्होंने बताया की वे हर किसी के साथ घुलने-मिलने के लिए हमेशा तैयार रहते थे और नागपुर के भोंसले वाडा में हडपक गणपति उत्सव में शामिल होते थे।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर पर स्व. डॉ. चंदनसिंह रोटेले एवं डॉ.केशव पाटिल द्वारा लिखित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विश्वकोश का विमोचन रामदास आठवले एवं उपस्थित अतिथियों के हाथों किया गया। सभा के पूर्व श्री आठवले ने गणेशपेठ स्थित डॉ. रोटेले के निवास पर भेंट दी तथा श्रद्धांजलि अर्पित की।
अध्यक्षीय संबोधन में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि डॉ. रोटेले के साथ उनके पारिवारिक संबंध थे। उन्होंने डॉ. रोटेले को प्रेमपूर्वक याद करते हुए कहा कि वे हमें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि डॉ. रोटेले ने सामाजिक एकजुटता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न समाज कार्य महाविद्यालयों की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि डॉ. रोटेले उनके लिए बहुत मददगार रहे हैं और दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए बहुत सम्मान था। वे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों के बहुत करीब थे। उन्होंने डॉ. रोटेले के रूप में एक बहुत ही प्रिय मित्र खो दिया है। विभिन्न राजनेताओं के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध थे।
उन्होंने कहा कि डॉ. केदारसिंह रोटेले के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने समाज कार्य महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करने में डॉ. रोटेले के योगदान को याद किया। उन्होंने समाज कार्य स्वतंत्र विश्वविद्यालय की स्थापना के उनके सपने की दिशा में उत्तरोत्तर कार्य करने का संकल्प लिया।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उनके द्वारा लिखी गई विभिन्न पुस्तकों का मराठी में अनुवाद किया जाना चाहिए। उन्होंने डॉ. रोटेले को एक बहुत ही मिलनसार, मेहनती और जमीनी स्तर के स्वयंसेवक और एक गतिशील नेता के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि रोटेले जी अपने पैतृक गांव चिमूर को हमेशा याद करते थे और उन्होंने चिमूर में कई विकासात्मक परिवर्तन किए हैं।
कई लोगों और उनके परिवारों को नौकरी देकर उनके जीवन में खुशियां लाने का कार्य डॉ. रोटेले ने किया है। वे सिद्धांतों के व्यक्ति थे और किसी भी प्रकार के छल-कपट और बेईमानी से सदैव दूर रहते थे। श्री रामदासजी अठावले ने कहा कि उन्हें उनके बच्चों पर गर्व है और उन्हें विश्वास है कि वे उनके नाम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
श्री आठवले ने इच्छा व्यक्त की कि उनके सम्मान में महाविद्यालयों में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की जाए और वे उसका उद्घाटन करने अवश्य आयेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके नाम पर नागपुर मनपा के द्वारा एक सड़क का नाम रखने की सिफारिश करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन बालासाहेब घरडे ने किया। कार्यक्रम में राजनीति, शिक्षा, सामाजिक कार्यकर्ता, रॉटेल ग्रुप के प्राध्यापकों, कर्मचारियों, छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।