32 दिवसीय ऋणानुबन्ध का आयोजन
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नागपुर। हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई एक बार फिर से अपनी अद्भुत परिकल्पना और समाजोपयोगी नायाब उपक्रम 'ऋणानुबन्ध' लेकर उपस्थित हुई। इस संयोजन व भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण को केन्द्रीय प्रबन्धन के सभी पदाधिकारियों व छत्तीसगढ़ इकाई के सदस्यों ने सराहा।
1 दिसम्बर 2022 की शाम 6 बजे हिंददेश परिवार की संस्थापिका और अध्यक्षा डॉ. अर्चना पाण्डेय 'अर्चि' (मुख्य अतिथि) के वक्तव्य के साथ 32 दिवसीय आयोजन का भव्य उद्घाटन हुआ तत्पश्चात् हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई की अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव, उपाध्यक्षा प्राचार्या अंजू भूटानी, संयोजिका श्रीमती प्रेम सिंह 'काव्या', अधीक्षक गौरी कनोजे, प्रबन्धन समन्वयक अनुजा दुबे 'पूजा', कार्यकारिणी समन्वयक विद्या चौहान और सह-प्रभारी माधुरी मिश्रा 'मधु', के अतिरिक्त महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, कर्नाटक, असम, हरियाणा इत्यादि प्रदेशों से वाक्पटु वक्ताओं ने अपने उत्कृष्ट उद्बोधन में विभिन्न उदाहरणों के द्वारा स्पष्ट किया कि सत्कर्मों के द्वारा हम आज के अतिरिक्त अपने कल को भी सुन्दर बना सकते हैं और ईश्वरीय विधान को हमें दिल से स्वीकार करना चाहिए। ईश्वरीय विधान में परिवर्तन संभव नहीं है।
वक्ताओं में क्रमशः रश्मि मिश्रा, डॉ. शीला भार्गव, किरण मुंदड़ा, मधु माहेश्वरी, ममता श्रवण अग्रवाल, डॉ. संगीता ठक्कर, सुनीता केसरवानी, शर्मिला चौहान, रति चौबे, प्रभा मेहता, मधुकर राव लारोकर 'मधुर' बजरंग लाल केजड़ीवाल, संजय गुप्त, वसिष्ठ नारायण सिंह, श्रीकांत तेलंग, कुँवर इन्द्रजीत सिंह, नीलिमा दुबे, सरोज गर्ग, ज्योति श्रीवास्तव, कविता परिहार, प्रीति देवी, डॉ छाया श्रीवास्तव, भगवती पंत और पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा', ने अपने वक्तव्य से कार्यक्रम को गन्तव्य तक पहुँचाया। हिंददेश परिवार की अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्षा की ओर से सभी वक्ताओं को 'कैवल्य अनुगामी' सम्मान से नवाजा गया।
32वें दिन 15 जनवरी 2023 को हिंददेश परिवार छत्तीसगढ़ इकाई की उपाध्यक्षा प्राचार्या अंजू भूटानी जी ने अपने वक्तव्य के साथ साथ वक्ताओं और श्रोताओं को सधन्यवाद विदा किया। ईश्वरीय विधान में विश्वास और आस्था को समर्पित यह आयोजन अपने प्रयासों में सफल रहा।