विश्व के अनेक देशों में कोरोना के वापस प्रारम्भ होने से सतर्कता बेहद जरुरी
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नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। कोरोना महामारी के नए वैरिएंट से पुनः अनेक देशों में वायरस का फैलाव चिंता का विषय है. यह सत्य है कि कोरोना जैसी घातक बीमारी के लिए दुनिया में दो वैक्सीन के बाद प्रौढ़ आयु वर्ग के लिए बूस्टर खुराक भी सरकार द्वारा दी जा चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी मनुष्य के स्वास्थ्य बचाव के पक्ष में अनेक कंपनी की वैक्सीन को बड़े उच्च तकनीक से परिक्षण के बाद मान्यता भी प्रदान की। मान्यता प्राप्त वैक्सीन का सकारात्मक प्रभाव भी मनुष्यों पर पड़ा. जिसके लिए अनेक देशों की सरकार ने दो से तीन वैक्सीन लगाकर अब तक करोड़ों नागरिकों की जान की रक्षा की है लेकिन यह शोध का विषय है कि वर्तमान में दो से तीन वैक्सीन खुराक ले चुके युवा नागरिकों के साथ प्रौढ़ नागरिकों की आकस्मिक मौतें भी हो रही है.
आज शहरों में हो रही आकस्मिक मृत्यु में जहाँ शहरों में कुल तीस से इकत्तीस मौत में दो से तीन पैंतीस से चालीस वर्ष, पांच से छह 45 से 65 वर्ष और शेष मृत्यु 65 से 90 वर्ष की आयु के नागरिकों की हो रही है. अधिकांश मृत्यु हृदयाघात, किडनी, मस्तिष्क विकार से हो रही है. दीर्घायु के नागरिकों की मौतें रोगप्रतिकारक क्षमता घटने से भी हो रही है. स्वास्थ्य चिकित्स्कों की मानें तो कुछ मामलों में तनाव, असावधानी पूर्वक खानपान, बदलते मौसम में हाई, लो ब्लड प्रेशर, शर्करा, मधुमेह, बुखार, ठण्ड भी हो सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये गए प्रयास अत्यंत सराहनीय है. लेकिन अब यह जानना अत्यंत जरूरी है कि प्रथम, द्वितीय खुराक के बाद बूस्टर खुराक के बाद मनुष्य की रोगप्रतिकारक क्षमता के बाद भविष्य में हो रही बीमारियों के रोकथाम के उपाय किस प्रकार किये जाये. भविष्य में अल्पायु, असमय में हो रही आकस्मिक मृत्यु से बचने के उपाय और दवाखानों में अत्यावश्यक सुविधाओं पर भी ध्यान देना जरुरी है.
इन सबके लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को सभी राज्यों को नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए उचित सावधानी के निर्देश देना अत्यंत जरुरी है. शालाओं में अध्ययनरत शिशु, बालक मंदिर, युवा, तरुण, कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य निदान शिविर के आयोजन करना होगा. जिससे कि सभी आयु के महिला, पुरुषवर्ग के स्वस्थ्य की जांच समय समय पर हो.
वैसे तो भारत सरकार द्वारा भी एम्स जैसे अस्पताल और आधुनिक मशीन इलाज के लिए उपलब्ध की जा रही है. अब जरुरत है शहर, शहर और गांव गांव के मोहल्लों में प्रशिक्षित डॉक्टरों, नर्स, स्वास्थ्य सेवक, पैथोलॉजी प्रयोगशाला, दवाइयों के व्यापक प्रबंध की. जिससे कोई भी जरूरतमंद बालक, युवा, बुजुर्ग पुरुष, महिला बिना स्वास्थ्य जांच के वंचित ना रहे.
वर्तमान में बढ़ रही दैनिक तनाव शैली को बदलने के लिए योगाभ्यास,व्यायाम को भी महत्त्व देना जरुरी है. कोरोना महामारी वैक्सीन लेने के बाद अब मनुष्य की रोगप्रतिकारक क्षमता और रोगों से बचने के उपाय विषय से सम्बंधित शोध की जरुरत है. अब जबकि कोरोना महामारी अमेरिका, जापान, चीन सहित अनेक देशों में दस्तक दे रहा है. देश के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों, महानगरों के रेलवे स्टेशन, समुद्री महामार्ग से आवागमन के दौरान चिकित्सीय सुविधा केंद्र के तैनात करने की जरुरत है. जिससे की महामारी के फैलाव को रोका जा सके.