हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए नवीकरण पाठ्यक्रम कार्यशाला
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नागपुर/हैदराबाद। केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के हैदराबाद केंद्र द्वारा पोर्टब्लेयर, अंडमान में अंदमान-निकोबार द्वीप समूह के माध्यमिक विद्यालय के हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए नवीकरण पाठ्यक्रम कार्यशाला का आयोजन 28 नवम्बर से 8 दिसम्बर तक किया गया।
इस पाठ्यक्रम में कुल 49 हिंदी अध्यापकों ने भाग लिया, जिसमें 40 महिला अध्यापक तथा 9 पुरुष अध्यापक उपस्थित थे। यह पाठ्यक्रम राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर अंडमान के प्राचार्य श्री रवींद्र कुमार सिंह के सहयोग से शिक्षा सदन के कांफ्रेंस सभागार में संपन्न हुआ।
पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे के साथ साथ मैसूर केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. परमान सिंह, अतिथि अध्यापक टैगोर राजकीय शिक्षा महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर, अंडमान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. रामकृपाल तिवारी, जवाहरलाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय, पोर्टब्लेयर की सहायक प्रोफेसर श्रीमती संसारवती, महात्मा गांधी राजकीय महाविद्यालय, मायाबंदर, अंडमान की सहायक प्रोफेसर डॉ. एन. लक्ष्मी प्रिया ने अध्यापन कार्य किया।
हैदराबाद केंद्र की सदस्य डॉ. एस. राधा ने प्रतिभागियों का पंजीकरण तथा पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य प्रशासनिक कार्य का निर्वहन राज्य शिक्षा संस्थान पोर्टब्लेयर की हिंदी संकाय सदस्य श्रीमती पूनम कुमारी के सहयोग से संपन्न किया।
पाठ्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को चिड़िया टापू, मूंडा पहाड़, सूर्यास्त दर्शन स्थल आदि का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। यहाँ प्रतिभागियों ने ट्रैकिंग भी की। भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण, अंडमान के म्यूज़ियम का संदर्शन कराया गया। यहाँ सभी प्रतिभागियों ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उपस्थित जनजाति समुदाय के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान प्रतिभागियों ने "शहीदों की धरती अंडमान" नामक हस्तलिखित पत्रिका का सृजन किया। इस पत्रिका का लोकार्पण समापन समारोह में उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। पत्रिका की संपादक शांता राज ने अन्य प्रतिभागियों के सहयोग से हस्तलिखित पत्रिका का कार्य संपन्न किया।
समापन समारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे ने की। मुख्य अतिथि के रूप में राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर, अंडमान के प्राचार्य श्री रवींद्र कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में सर्व भाषा सेवा संस्था, पोर्टब्लेयर के संस्थापक एवं निदेशक श्री हेमंत राव तथा मैसूर केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. परमान सिंह उपस्थित थे। समापन समारोह में राज्य शिक्षा संस्थान पोर्टब्लेयर के वरिष्ठ संकाय सदस्य श्री सेतुकराई जी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि श्री रवींद्र कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी अध्यापक अपने अपने अध्यापन शैली में बदलाव लाए।
कार्यशाला में दिए गए प्रशिक्षण तथा प्राप्त ज्ञान के अनुसार अध्यापन कार्य करने का प्रयास करें। विशिष्ट अतिथि श्री हेमंत राव ने कहा कि अध्यापकों को हमेशा विद्यार्थी बनकर तकनीकी का प्रयोग कर अपने को अद्यतन करना चाहिए तथा उसका प्रयोग अध्यापन कार्य में अवश्य करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि डॉ. परमान सिंह ने प्रतिभागियों को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि इस पाठ्यक्रम के दौरान रूचिकर तरीके से हिंदी सीखाने के संबंध कई प्रकार बताए उसका उपयोग अपने अध्यापन के दौरान ज़रूर करें। उन्होंने कार्यक्रम की उत्तम व्यवस्था करने के लिए प्राचार्य श्री रवींद्र कुमार सिंह जी तथा उनके सहयोगियों का विशेष आभार व्यक्त किया।
अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. गंगाधर वानोडे ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कि संपर्क भाषा और अध्ययन अध्यापन की भाषा में अंतर है। छात्रों को हिंदी सिखाते समय उच्चारण तथा वर्तनी पर ध्यान देना चाहिए।
छात्र हमेशा अध्यापक का अनुसरण करता है इसलिए अध्यापकों पर सही जानकारी देने, सही तरीके से अध्यापन कार्य संपन्न करने की अधिक जवाबदारी होती है। पाठ्यक्रम के दौरान दिए गए सुझावों का अवश्य पालन करें, अपने आपको अद्यतन करें तथा अपने छात्रों को अच्छा नागरिक बनाने में महती भूमिका निभाए।
समापन समारोह का प्रारंभ अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। हिंदी अध्यापिका श्रीमती अलेक्सांद्रा जेम्स ने गणेश स्तुति तथा श्रीमती मोनिका फिलिप ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की। श्रीमती के. भाग्यलक्ष्मी द्वारा संस्थान गीत प्रस्तुत किया गया। श्रीमती शांता राज तथा उनके सहयोगी अध्यापकों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
राज्य शिक्षा संस्थान, पोर्टब्लेयर की हिंदी संकाय सदस्य श्रीमती पूनम कुमारी ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय अपने मधुर वाणी से किया। हिंदी अध्यापिका श्रीमती सुनयना कुमारी ने पाठ्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
श्री मुहम्मद शाहिद अनवर ने अपना मंतव्य तथा अनुभव साझा किए। श्री स्टीफेन ने देशभक्ति गीत, श्रीमती सफीना बेगम ने कबीर तथा रहिमन के दोहे गाए। अध्यापकों के समूह ने हिंदी देशभक्ति गीत गाया।
पाठ्यक्रम के दौरान पर-परीक्षण लिया गया। समापन समारोह में पर-परीक्षण का परिणाम घोषित किया गया।
प्रथम स्थान श्रीमती बी. रमणी कुमारी, द्वितीय स्थान श्रीमती सुनयना कुमारी, तृतीय स्थान श्रीमती स्वर्ण रेखा ने प्राप्त किया तथा सभी को पुरस्कृत किया गया। सांत्वना पुरस्कार श्रीमती अलेक्सांद्रा जेम्स को प्रदान किया गया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को अतिथियों के करकमलों द्वारा प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
समापन समारोह का सफल संचालन हिंदी अध्यापिका श्रीमती शीला जे. ने बहुत ही सारगर्भित तरीके से किया तथा धन्यवाद ज्ञापन एवं आभार श्रीमती अनीता शर्मा ने किया।