लोकमानस के नायक हैं श्रीराम : प्रो. त्रिपाठी
https://www.zeromilepress.com/2022/12/blog-post_71.html
नागपुर। लोकनायक, युगनायक, राष्ट्रनायक और मर्यादा पुरुषोत्तम जैसे अनेक नामों से विभूषित श्रीराम लोकमानस के नायक हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में श्रीराम को लोकनायक के रूप में चित्रित किया है। राम केवल अयोध्या के राजा नहीं हैं, समूचे चराचर जगत के स्वामी हैं। मनुष्य के रूप में वे एक ऐसे युगनायक हैं जो लोकहित के लिए समाज के सभी वर्गों के प्रेरणास्रोत बने। उक्त विचार महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय, उज्जैन के पूर्व कुलपति प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ने व्यक्त किये। वे राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रसंत व्याख्यानमाला में बोल रहे थे। व्याख्यान का विषय था - ‘युगनायक राम – सन्दर्भ संत तुलसीदास’। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि तुलसीदास संत भी हैं और भक्त भी। तुलसी ने राम को अपने युग के नायक के रूप में प्रस्तुत किया। हर युग को अपने नायक की तलाश होती है। नायक ऐसा युगपुरुष होता है जिसका चरित्र समाज का आदर्श होता है। तुलसी ने राम के माध्यम से भारतीय जीवन मूल्यों को स्थापित किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरु प्रो.संजय दुधे ने कहा कि भौतिक संसाधनों की प्रचुरता होने के बाद भी आधुनिक मनुष्य के जीवन में सतोष नहीं है। आत्मिक शांति के लिए, पूर्ण समाधान अथवा संतोष चाहिए तो हमें संतों की शरण में जाना होगा। संत साहित्य के अध्ययन से ही अपने मन से लोभ, स्वार्थ और द्वेष का नाश होता है। उन्होंने संत तुलसीदास को भारतीय संत परम्परा का एक युग-दृष्टा बताते हुए कहा कि उन्होंने राम के माध्यम से सामजिक मूल्यों को प्रस्तुत किया। उनका मत समाज को विसंगतियों से मुक्ति दिलाते हुए लोक कल्याण करना था। संत साहित्य हमें हमारे जीवन के आदर्श से परिचित कराता है।
प्रास्ताविक उद्बोधन मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. दत्तात्रय वाटमोड़े ने दिया। उन्होंने राष्ट्रसंत व्याख्यानमाला की संकल्पना बताते हुए विद्यापीठ के शताब्दी पर्व के उद्देश्य को रेखांकित किया। डॉ. वाटमोड़े ने कहा कि बारह भारतीय संतों के जीवन-दर्शन और साहित्य पर दो वर्ष तक निरन्तर व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा।
व्याख्यानमाला का संयोजन हिन्दी विभाग द्वारा किया गया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.मनोज पाण्डेय ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए शताब्दी पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.संतोष गिरहे ने दिया। इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिक डॉ.गोविन्द प्रसाद उपाध्याय, श्री सहस्रबुद्धे, श्री नरेन्द्र परिहार, डॉ.श्रीवास्तव, डॉ.जयप्रकाश, डॉ. श्याम पांडे, डॉ. राजेंद्र मालोकर, डॉ. हेमलता मिश्रा सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।