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अपना घर आश्रम में केशव कल्चर समिति की सफल गोष्टीसमाचार


नागपुर/दिल्ली। केशव कल्चर कौस्तुभ सभा की ओर से आयोजित काव्य पाठ एवं दो पुस्तकों का विमोचन दिल्ली के सुप्रसिद्ध अपना घर आश्रम में  हुआ। यह साहित्यिक और रंगारंग कार्यक्रम अपने आप में बहुत अनूठा और गरिमामय था। इससे साहित्यकारों को भी बहुत प्रेरणा मिली। एक नई शिक्षा और अनुभूति थी इस आयोजन में। देश के प्रमुख जनसेवा कार्य में लगी संस्थाओं में अपना घर आश्रम का नाम प्रसिद्ध है । जहां हजारों निराश्रित, दीन  दुखियों और रुग्ण लोगों की सेवा की जाती है।

यह आयोजन  दोपहर 1 से लगभग शाम 4 बजे तक चला। यहां सम्मिलित सभी दीन दुखियों को प्रभु जी कहा जाता है। दिल्ली में संस्था 2012 में स्थापित हुई थी आज इसे 10 वर्ष हो गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सबसे पहले प्रभु ओम प्रकाश ने की। जो इस संस्था के सबसे पहले सदस्य रहे हैं।

केशव कल्चर दिल्ली के सदस्यों में प्रमुख साहित्यकार है सर्वश्री राजेश पाण्डेय वत्स, के. एल. सोनी, प्रतिभा शर्मा, ज्ञानेश्वरी सिंह 'सखी', विनीता लवानियाँ, ज्ञानेश्वरी देवी, मीरा शिंजनी, डा. किरण अवस्थी, सीताराम साहू, रश्मि मिश्रा, नितेंद्र सिंह परमार 'भारत', डा.एन.के.पाठक, कौशल किशोर, मीता जोशी, मीनू कौशिक,  

ममता गाबा, शोभा सोनी, रविवार शंकर बिलगैया, कौशलेन्द्र, विजय सिंह धाकड़, उषा जैन, प्रशांत सिंह द्विवेदी, पूनम बांगड़िया और संदीप कुमार आदि है। संस्था का प्रमुख उद्देश्य हिंदी भाषा को समृद्ध करना साहित्य रचना का विकास करना और मूल रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक विषयों को समाज के बीच रखना और प्रेरणा देना है।

संस्था के सदस्य श्री कृष्ण के प्रति अगाध श्रद्धा रखते हैं उन्हीं के माध्यम से एक के बाद एक सदस्य जुड़ते गए हैं। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश खांडवेकर ने किया। कविता पाठ का आरंभ श्रीमती विनीता लवानियाँ ने श्री कृष्ण लीला पर गायन मधुर कंठ से किया। दीप्ति शुक्ला ने संस्था की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। 

दो पुस्तकों (प्रसादम और समष्टि) के विमोचन के अवसर पर अपना घर आश्रम की व्यवस्थापिका निधि भी उपस्थित थी। कार्यक्रम में कुछ सम्माननीय सदस्य मंच पर उपस्थित थे जिसमें विजय पाल, श्रीमती दीप्ति शर्मा एवं विजय धाकड़। विशेष यह की इन निराश्रित सदस्यों में से एक प्रभु ने बहुत ही उत्तम काव्यपाठ किया। 

कार्यक्रम को नई उमंगों से भरी दिशा दी। 
कार्यक्रम के बाद सभी प्रभु एवं दर्शकों  के बीच प्रसाद वितरण हुआ और हर्षोल्लास के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। संस्थापिका दीप्ति ने अपना घर आश्रम के सहयोगियों का आभार माना और सुरेश खाड़वेकर का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सुरेश खाड़वेकर एक दिव्य आत्मा, सुन्दर स्वरुप हैँ।

वे हमारे इस कार्यक्रम के लिए उत्प्रेरक और पथ प्रदर्शक बने। उनकी ऊर्जा से हमारा कार्यक्रम संपन्न हुआ। उनका और सैकड़ो भक्तजनो का साथ निश्चित ही मनोभावों में परिवर्तन लाया है और हमारा मन नई ऊर्जा से भर गया हैँ। यह कार्यक्रम सृष्टि स्पाइसस आगरा के सौजन्य से संपन्न हुआ।
साथ ही संस्था की महानिदेशिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा ने आश्रम को कुछ राशि का योगदान भी दिया।
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