जय जवान
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दिल फूलों सा
जोश फौलाद की,
दीवानगी तो देखो
इन पागलों की।
सौगंध लिया है
इस मिट्टी का,
माथे पे बांधे हैं
ताज कफन का।
क्या कहूं जवानों
खून खौलता है,
सीमा पे जा डटूं,
मन बोलता है।
कुछ नहीं मेरी औकात
तेरी कुरबानीयों
के सामने,
सज़दे करूं तुझे
दिल बोलता है।
क्या तेरा वजूद
हमसे जुदा है,
जिस बेपरवाही से
तू वतन पे फ़िदा है?
क्या घर पे तेरे कोई
इंतजार नहीं करता,
प्रेम, ममता, दुख, दर्द
क्या तुझे नहीं होता?
तू किस चीज़ का बना है रे पगले,
सोना है या तैमूर है,
देश का बच्चा-बच्चा
बस यही सोचता है।
मातृभूमि जननी मेरी,
तिरंगा हमारी शान है,
तेरे कारण,
ओ वीर सिपाही
आज हम विद्यमान हैं।
नागपुर, महाराष्ट्र