दादा साधु वासवानी भारतीय संस्कृति के अग्रदूत थे : मोटवानी
https://www.zeromilepress.com/2022/11/blog-post_93.html
नागपुर, आज 25 नवम्बर शुक्रवार को दादा वासवानी की जंयती के उपलक्ष में वी एस एस एस नागपुर शहर और नागपुर जिला टीम ने सदर स्थित दादा वासवानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया ,समाजसेवी दादा विजय केवलरमानी प्रमुख अतिथि बतौर उपस्थित थे, अध्यक्षता वी एस एस एस महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने की,
नागपुर टीम अध्यक्ष मनोहरलाल आहूजा और महासचिव लखमीचंद थावानी, नागपुर जिला के अध्यक्ष कैलाश केवलरामानी ने बताया कि दादा वासवानी की जयंती के उपलक्ष में अतिथियों ने साधु वासवानी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे याद कर नमन किया, प्रमुख अतिथि दादा विजय केवलरामानी ने विचार प्रकट कर कहा कि सन 1933 में दादा वासवानी ने शिक्षा के क्षेत्र में मीरा मूवमेंट की नींव डाली,
उसका उद्देश्य था विद्यार्थियों को वर्तमान जीवन के महत्वपूर्ण सत्यों, भारतीय संस्कृति,और भारतीय आदर्शों से अवगत कराना उनके इस कार्य की भूरि भूरि तारीफ हुई, सन 1962 में दादा वासवानी ने पूना में लड़कियों के लिए सेंट मीरा कालेज खोला क्यों कि वह समझते थे कि भारत के भविष्य निर्माण में स्त्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका होंगी।
मनोहरलाल आहूजा और कैलाश केवलरमानी ने विचार प्रकट कर दादा द्वारा किए गए कार्यों को याद किया, अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने कहा कि दादा साधु वासवानी भारतीय संस्कृति के अग्रदूत थे ,वे भारत के शिक्षाविद और स्वतंत्रत्ता सेनानी थे जिन्होंने शिक्षा में मीरा आंदोलन चलाया उन्होंने पुणे में साधु वासवानी मिशन की स्थापना की,
बचपन से ही उनका मन भगवान की और झूका हुआ था पर उनका धर्म किसी विशेष धर्म संप्रदाय या सिद्धांत से संबंधित नहीं था। उनका धर्म था भगवान का स्मरण और गरीबों की सेवा वह देश के सभी शहरों और गांवों में घूमे, वे कहते थे सादा बनो,मान -गुण संपन्न बनो ,मजबूत बनो और अपनी ताकत गरीबों की सेवा में लगा दो, मोटवानी ने उपस्थित सदस्यों को दादा की यह सीख का संकल्प कर पालन करने को कहा।
कार्यक्रम में विशनदास पुराशवानी,ओमप्रकाश चावला,बलराम काकवानी,तुलसी सचदेव,किशन और रश्मि राजमलानी,उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन कैलाश केवलरामानी और आभार प्रदर्शन मनोहरलाल आहूजा ने किया।