रेलवे, बस, हवाई अड्डे पर मेडिकल दवा, डॉक्टर की सुविधाएँ जरुरी हो
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नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। भारत जैसे देश में कोरोना महामारी के बाद बाहरी खानपान की वस्तुओं को प्लेटफॉर्म पर बिक्री करने रोक लगाई गई है. अधिकांश रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और हवाईअड्डों पर स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी मेडिकल जांच, डॉक्टर, दवाइयों की दुकानों की व्यवस्था नहीं है. जबकी रेलवे, बस, हवाईजहाज की टिकट की दरों में काफी वृद्धि हो चुकी है.
वैसे भी खानपान में मिलावट के इस दौर में प्रवास के दौरान यात्रियों का स्वास्थ्य ख़राब हो जाता है. जिससे कभी कभी यात्रियों की स्वस्थ्य स्थिति यात्रा के दौरान गंभीर हो जाती है. भारत जैसे देश में रेलवे,बस स्टैंड हवाई जहाज से लाखों यात्री प्रवास करते है.
वर्षभर में ग्रीष्म, शरद ऋतू, बरसात के दौरान वायरल इन्फेक्शन, बुखार के साथ दिल की बीमारी, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारी के मरीज भी यात्रा करते है.
ऐसे में रेलवे, बस स्टेशन, हवाई अड्डों पर डॉक्टर, दवाई की आवश्यकता होती है जो की बहुत ही जरुरी है. हवाई जहाज के साथ रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड पर दवाइयों और इलाज की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने पर यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
आज सड़क, रेल और वायुमार्ग से यात्रा के दौरान दुर्घटनाएं भी होती है. जिसमें हड्डियों के फ्रैक्चर, जखम के मरीज, घायलों के लिए पर्याप्त अस्पताल रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और हवाई अड्डों के पास नहीं होने पर यात्रियों की जान तक चली जाती है.
भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय,सभी 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों को आपसी सहयोग से सड़क, रेल, वायुमार्ग से संपर्क करके तुरंत स्वास्थ्य सम्बंधित सुविधाओं के लिए विचार करना समय की मांग है. जिससे कि आनेवाले समय में यात्रियों के स्वास्थ्य को यात्रा के दौरान उत्तम रखा जा सके.
भारत जैसे देश में करोड़ों यात्रियों के लिए गर्मी में लू से बचने, सर्दी और बरसात में बुखार और वायरल इन्फेक्शन से बचाव के साथ दुर्घटना के दौरान घायल और गंभीर मरीजों के उपचार, मेडिकल टूरिज्म की प्रवास के दौरान सख्त जरुरत है.